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जगदलपुर

जिंदगी और मौत के बीच था मात्र एक इंच का फासला, रिंकी के गले को छूकर निकली थी नक्सलियों के बंदूक की गोली

केसकुतूल में माओवादियों की Firing में फंसी रिंकी को मौत छूती हुई निकल गई। Bullet of Naxalite रिंकी के गले के Back सिर्फ 1 inch दूर से गले को छूती हुई निकल गई
 

जगदलपुरJun 30, 2019 / 02:24 pm

Badal Dewangan

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मौत और जिंदगी के बीच सिर्फ एक इंच का था फासला, रिंकी के गले को छूकर निकल गई थी नक्सलियों के बंदूक से निकली गोली

जगदलपुर. शनिवार को केसकुतूल में माओवादियों की फायरिंग में फंसी फसी रिंकी को मौत छूती हुई निकल गई। दरअसल माओवादियों की गोली रिंकी के गले के पीछे सिर्फ एक इंच दूर से गले को छूती हुई निकल गई। इस तरह रिंकी का मौत से फासला सिर्फ एक इंट का ही था, लेकिन उसने चकमा दे दिया।

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हल्लूर गांव की रहने वाली रिंकी तेलम, कुमारी अपका, रीना मण्डावी और जिबो तेलम ने केशकुतल से आठवीं कक्षा पास करने के बाद नवीं क्लास में दाखिले के लिए भैरमगढ़ पहुंची और दाखिला का फार्म लेकर शुक्रवार की सुबह दस बजे निकली थीं। वे एक पिकअप में केशकुतूल से सवार हुईं और दो किमी दूर ही जब गाड़ी देवांगन मोड़ के करीब पहुंची तो इसी वक्त एक बाईक क्रॉस हुई जिसमें जवान बैठे हुए थे। माओवादियों ने सीआरपीएफ के 199 बटालियन के जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। गोलियां वाहन पर भी पड़ी। इस बात की जानकारी पिकअप चालक को भी लग गया था, तभी बिना देर करते हुए चालक ने वाहन बढ़ा दी। लेकिन जिबो तेलम को गोली लग गई थी। जिबो को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मृत घोषित कर दिया गया जबकि घायल रिंकी तेलम को जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया। जिला हॉस्पिटल में डॉ एस नागुलम ने ऑपरेशन किया। डॉ नागुलम ने बताया कि गोली रिंकी के गले के पीछे एक इंच का घाव बनाकर निकल गई और अंदर तक गोली घुसती तो खतरा हो सकता था। उन्होंने बताया कि रिंकी की हालत खतरे से बाहर है। उसका उपचार जारी है।

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केसकुतूल में आश्रम नहीं इसलिए भैरमगढ़ में दाखिला लेने गईं थी
रिंकीकुमारी, रीना और जिबो ने केशकुतूल आश्रम में रहकर आठवीं की परीक्षा पास की थीं। केशकुतूल स्कूल की शिक्षिका उर्मिला नाग ने बताया कि ये छात्राएं भैरमगढ़ में दाखिला लेना चाहती थीं। केशकुतूल में बालिकाओं के लिए आश्रम नहीं है जबकि बालकों के लिए पोटा केबिन है। रहने की सुविधा नहीं होने की वजह से वे भैरमगढ़ में दाखिला लेना चाहती थीं। उन्होंने हाईस्कूल में दाखिले का फार्म नहीं लिया था। वे शुक्रवार को फार्म लेने ही जा रही थीं।

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