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जगदलपुर

कैसे यहां रस्सी के सहारे लोगों की नईया होती है पार, रोज खतरे का सामना कर बच्चे जाते हैं स्कूल

जान जोखिम में डालकर ग्रामीण पहुंच रहे ब्लॉक मुख्यालय, ओरछा नदी पर बना रपटा बारिश में बह जाने से हो रही परेशानी

जगदलपुरSep 12, 2019 / 05:35 pm

Badal Dewangan

कैसे यहां रस्सी के सहारे लोगों की नईया होती है पार, रोज खतरे का सामना कर बच्चे जाते हैं स्कूल

कैसे यहां रस्सी के सहारे लोगों की नईया होती है पार, रोज खतरे का सामना कर बच्चे जाते हैं स्कूल

नारायणपुर. जिले में हुई झमाझम बारिश लोगों के लिए परेशानियों का सबक बन गई है। इसका उदाहरण ओरछा ब्लॉक मुख्यालय में साफ तौर पर देखने को मिलता है। इसमें अबूझमाड़ के दूरस्थ अंचल में निवासरत ग्रामीणों की नईया रस्सी के सहारे पार हो रही है। अबूझमाड़ के ग्रामीणों को ओरछा नदी में जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे नदी पार कर ब्लॉक मुख्यालय पहुंचना पड़ रहा है। इससे ग्रामीणों के साथ बड़ी दुर्घटना होने का अंदेशा बना हुआ है। ओरछा नदी पर बना रपटा बारिश में धराशाई होने के बावजूद जिला प्रशासन इसकी मरम्मत को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर भुगतने के लिए मजबूर होना पड रहा है।

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जानकारी के अनुसार अबूझमाड़ ओरछा ब्लॉक मुख्यालय से गुदाड़ी-आदेर जाने वाले मार्ग पर नदी पारा में ओरछा नदी पर बना पुल पिछले दिनों हुई झमाझम बारिश के कारण धराशाई हो गया। इस पुल के धराशाई होने के बाद ओरछा में निवासरत स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर इस पुल की मरम्मत कराई थी। इससे ओरछा ब्लॉक मुख्यालय से गुदाड़ी-आदेर जाने वाले मार्ग पर आवागमन सुचारू रूप से शुरू हुआ था। लेकिन पिछले सप्ताह हुई मुसलधार बारिश के कारण ओरछा नदी पर ग्रामीणों द्वारा बनाया गया अस्थाई पुल फिर से धाराषाही हो गया है।

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साप्ताहिक बाजार ग्रामीणों के लिए अहम
ओरछा ब्लॉक मुख्यालय में बुधवार को साप्ताहिक बाजार का संचालन होता है। इस साप्ताहिक बाजार में पहुंचने के लिए दूरस्थ अंचल के ग्रामीण मिलों का सफर पैदल तय कर पहुंचते है। इसी साप्ताहिक बाजार में वनोपज बेचकर इससे मिले पैसों से अबूझमाड़ के ग्रामीण अपने लिए रोजमर्रा के लिए लगने वाली सामग्रियों की खरीदी करते है। क्यों कि ओरछा ब्लॉक मुख्यालय सेे आगे कई पर भी साप्ताहिक बाजार का संचालन नहीं होता है। इस लिए अबूझमाड के ग्रामीणों के लिए ओरछा साप्ताहिक बाजार अहम माना जाता है।

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राशन कंधे में बोहकर पार करनी पड रही नदी
अबूझमाड़ के दूरस्थ अंचल में निवासरत ग्रामीण मिलों का सफर पैदल तय कर मंगलवार की रात या फिर बुधवार की सुबह ओरछा ब्लॉक मुख्यालय पहुंचते है। जहां पर उचित मुल्य दुकान से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले राशन को लेने के बाद ओरछा साप्ताहिक बाजार से जरूरत की सामग्री खरीदी करते है। इसके बाद ग्रामीण राशन के बोझ को कंधें में भोकर ओरछा नदी में कमर तक पानी को रस्सी के सहारे पार कर अपने गृहग्राम लौट रहे है। इससे ग्रामीणों के साथ बड़ी दुर्घटना होने का अंदेशा बना हुआ है।

मौत से सामना करने को मजबूर स्कूली बच्चे
ओरछा नदी पारा के दूसरी तरफ प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन होता है। इन स्कूलों में अध्यनरत नदी पारा के बच्चों को स्कूल पहुंचने के पहले प्रति दिन मौत से सामना करने के लिए मजबूर होना पड रहा है। इसमें ओरछा नदी पर बना रपटा पुल बारिश में धराशाई होने के बाद छात्रों को स्कूल पहुंचने के लिए ओरछा नदी में जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे नदी को पार कर स्कूल पुंहचना पड रहा है।

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