जाने के लिए कहते नजर आ रहे हैं, या फिर शहरवासियों से उलझते दिन बीत रहा है।
सुबह से बोहनी नहीं हुई है
प्रतापगंज पारा के व्यापारी सोहेल ने बताया कि रोजाना उनके दुकान में 30 से 40 के करीब ग्राहक आते थे। लेकिन अब आलम यह है कि दोपहर तीन बज रहे हैं, लेकिन बोहनी तक नहीं हुई है। ऐसे में किराया और परिवार कैसे चलेगा, उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही है।
छोटे व्यापारियों की टूटी कमर
ट्रेफिक पुलिस के नए वन-वे प्लान से सबसे ज्यादा किसी को नुकसान हुआ है तो वह छोटे व फूटपाथ के व्यापारी हैं। व्यापारी मेहुल बताते हैं, कि इस नई व्यवस्था के पहले उनका रोजाना सामान की बिक्री 3 से 3500 रुपए की थी।
दुकान का किराया देना हो जाएगा मुश्किल
वन वे प्लान सिर्फ छोटी नहीं बड़े दुकानदारों की भी हालत पतली कर दी है। राकेश ने बताया इस व्यपस्था के बाद दुकान में ग्राहकों की संख्या में इस कदर कमी आई है कि किराया देना तक मुश्किल हो गया है।
जनहित में वापस लेना चाहिए वन-वे प्लान
राजेश बताते हैं कि इस व्यवस्था से राहगिरों को इस कदर परेशानी हो रही है वह कहां जाएं उन्हें समझ नहीं आ रहा। 15 कदम जाने के लिए 3 से 4 किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। सुविधा के लिए प्लान तैयार होता है।
चेंबर पर बरसे छोटे व्यापारी कहा- सिर्फ बड़े व्यापारियों के लिए आते है आगे
शहर के छोटे व्यापारी ने चेंबर के खिलाफ भी जमकर आग उगला। उन्होंने साफ कहा कि यह बड़े व्यापारियों के लिए बनी संस्था है। छोटे व्यापारियों के लिए कभी सामने नहीं आते। आज जब छोटे व्यापारियों को इतनी तकलीफ है तो व्यापारियों के हित के लिए बनी संस्था चेंबर चुप है। यह बेहद शर्मनाक हैं। वहीं उन्होंने कहा कि बड़े व्यापारियों की स्थिति भी खराब है।