ऐन मौके पर सीएम की तबियत बिगडऩे से आना हुआ कैंसल
वहीं दूसरी तरफ जिसके लिए यह पदभार ग्रहण आयोजन १२ दिन तक अटका रहा वह सीएम भूपेश बघेल अचानक तबीयत बिगड़ जाने की वजह से इस समारोह का हिस्सा नहीं बन सके और ऐन मौके पर उनका आना कैंसल हो गया। इसके बाद समारोह की जिम्मेदारी प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, आबकारी मंत्री कवासी लखमा और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, सांसद दीपक बैज और सीएम के सलाहकार राजेश तिवारी ने संभाली और इनकी मौजूदगी में पूरा कार्यक्रम हुआ। इस दौरान यहां सभी कांग्रेसी पार्षद समेत जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा, विधायक रेखचंद जैन, राजमन बेंजाम, महामंत्री अनवर खान, वरिष्ठ कांग्रेसी मिथिलेश स्वर्णकार समेत अन्य मौजूद रहे।
महापौर ने अपनी जीत को झीरम हमले के शहीदों को किया समर्पित
पदभार ग्रहण समारोह के दौरान महापौर सफीरा साहू ने अपने भाषण में कहा कि उनकी जीत झीरम हमले में मारे गए कांग्रेसियों समेत २९ लोगों को इसे समर्पित किया। उन्होंने महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल और विद्याचरण शुक्ल का नाम लेते हुए कहा कि इस बार बस्तर में मिली एतिहासिक जीत के साथ उनका अधूरा सपना भी पूरा हो गया। वे उनके बताए रास्तों पर चलकर और जनता की राय लेकर शहर का विकास करेंगी। साथ ही जनता ने जिस अपेक्षओं के साथ उन्हें चुना है उस पर भी खरा उतरने का प्रयास करने की बात कही है।
नदारद रहे भाजपाई पार्षद व नेता
दरअसल कांगे्रेसियों का कहना है कि इस पदभार ग्रहण समारोह के लिए सभी को निमंत्रण भेजा गया था। इसमें पूर्व अध्यक्ष शेष नारायण तिवारी और भाजपा के मौजूदा पार्षद भी शामिल हैं। लेकिन वे यहां नहीं पहुंचे। यहां कांग्रेसी नेताओं के साथ पूर्व अध्यक्ष का फोटो वाला बैनर टंगा था, लेकिन वे नहीं पहुंचे।