जगदलपुर. वर्ष 2017 में संभाग भर में तंेदुपत्ता संग्रहण ने बीते कई साल का रिकार्ड तोड़ डाला है। इस साल जगदलपुर वन वृत्त ने शत प्रतिशत से भी अधिक का लक्ष्य हासिल किया है। इस संग्रहण का सीधा लाभ संग्राहकों को मिलेगा। वन विभाग अब इन संग्राहकों को उनकी मेहनत का मोल करीब 40 करोड़ 78 लाख 62 हजार रुपए के तौर पर चुकाने की तैयारी कर रहा है।
सीधा फायदा इन संग्राहकों को मिला इस साल तेंदुपत्ता की फसल अच्छी होने के साथ ही इसकी तुड़ाई भी समय पर हो। इसके साथ ही दो साल के बाद तेंदुपत्ता के व्यवसायियों के कारोबार में तेजी का सीधा फायदा इन संग्राहकों को मिला है। खास बात यह है कि करीब एक लाख से अधिक संग्राहकों की इस मेहनत को तेंदुपत्ता व्यवसायियों ने अग्रिम भुगतान कर खरीद लिया है।
काफी मशक्कत का काम था
पत्तों की इस ताबड़तोड़ खरीदी होने से विभाग की बड़ी चिंता हल हो गई है। इससे पहले विभाग को पत्तों के संग्रहण करने गोदामों तक के लाले पड़े रहते थे। इसके अलावा इन पत्तों को सुरक्षित रखने के लिए आग से बचाव करना और कीट प्रकोप से बचाना भी काफी मशक्कत का काम था।
कहां कितना संग्रहण वनमंडल संग्रहण मानक बोरा पारिश्रमिक की राशि
बीजापुर 67532 12,15, 57, 600 रु.
सुकमा 97816 17,60, 68, 800 रु.
दंतेवाड़ा 34806 62,65,0800 रु.
जगदलपुर 26436 47,58,4800 रु.
18 सौ से पहुंचा सीधे पांच से छह हजार वन विभाग ने इस वर्ष तेंदुपत्ता के का मूल्य 18 सौ रुपए प्रति मानक बोरा रखा था। जबकि बाजार में इसका भाव पांच हजार से लेकर छह हजार रुपए मानक बोरा तक पहुंच गया। सीधे तौर पर कहा जाए तो यह तीन गुना ज्यादा भाव से बिक गया। ज्ञात हो कि राष्ट्रीयकृत लघु वनोपजों में से तेंदुपत्ता प्रदेश की सबसे महत्चपूर्ण वनोपज है। प्रदेश के वन क्षेत्रों से पूरे देश का लगभग 65 प्रतिशत तेंदुपत्ता राज्य में उत्पादित होता है। इसमें भी बस्तर संभाग का हिस्सा काफ ी ज्यादा है। तेंदुपत्ता संग्रहण आदिवासियों की आमदनी का एक पक्का जरिया है