वीएचपी के संरक्षक और वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया है। सिंघल ने गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 89 साल के थे।
बीते शुक्रवार को उन्हें तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल भर्ती कराया गया था। तब से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
सिंघल के अस्पताल में भर्ती होने की खबर के बाद से उनसे मिलने वाले नेताओं और अन्य शख्सियतों का मेदांता अस्पताल में आना जाना लगा हुआ था। उनसे मिलने वालों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, स्वास्थय मंत्री जेपी नड्डा, योगगुरु बाबा रामदेव और वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया जैसे नेता भी शामिल थे। सिंघल पिछले कई दशकों से राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े हुए थे।
गौरतलब है कि सिंघल को पिछले एक माह से ज्यादा वक्त से सांस संबंधी परेशानी थी। उनका इलाहाबाद में इलाज किया जा रहा था लेकिन उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। 20 अक्टूबर को स्वास्थय ज़्यादा खराब होने पर उन्हें विशेष विमान से दिल्ली लाया गया था।
शुरुआती इलाज के बाद उन्हें छुट्टी भी दे दी गई थी। लेकिन फिर से उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। जिसके बाद उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया। तब से वे आईसीयू में थे।
पिछले दिनों उनके स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर भी अफवाओं का बाज़ार गर्म था।
पीएम मोदी ने बताया गंभीर निजी क्षति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के संरक्षक अशोक सिंघल के निधन पर शोक प्रकट किया।
प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि अशोक सिंघल का निधन उनके लिए गंभीर निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे जिनका पूरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित था।
अंतिम संस्कार बुधवार को निगम बोध घाट पर
अशोक सिंघल का अंतिम संस्कार बुधवार शाम साढ़े चार बजे निगम बोध घाट पर किया जाएगा। सिंघल का पार्थिव शरीर रात रामाकृष्णापुरम स्थित विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय में लाया जाएगा। उसके कुछ देर बाद उनके पार्थिव शरीर को झंडेवालान स्थित संघ कार्यालय केशवकुंज में अंतिम दर्शनार्थ ले जाया जाएगा। केशवकुंज से दोपहर दो बजे उनकी अंतिम शव यात्रा शुरू होगी और शाम साढ़े चार बजे निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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