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इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा
बिल्डिंग का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। अब पार्किंग व अन्य निर्माण कार्य जारी है। महीनेभर के भीतर यहां पर मरीजों का इलाज भी शुरू हो जाएगा। वहीं पुराने ओपीडी बिल्डिंग में ५० बिस्तर मदर एंड चाइल्ड वार्ड भी बनाया जा रहा है। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अलग होने के बाद महारानी अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रहा था। दरअसल यहां पर डॉक्टर और जांच उपकरण की कमी थी। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। हॉस्पिटल बिल्डिंग बनने के बाद मरीजों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। नए-नए उपकरणों के साथ ही यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती भी की जा रही है।
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हाईटेक सेंट्रल लैब की मिलेगी सुविधा
महारानी अस्पताल में अब मरीजों को हाईटेक सेंट्रल लैब की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री लैब सुदृढ़ीकरण योजना के तहत यह लैब तैयार किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य टीम ने अस्पताल में संचालित लैब का निरीक्षण किया है। लैब बनने से डेंगू, स्वाई फ्लू और जेई (जापानी बुखार) व अन्य जांच अब जिला अस्पताल में ही हो जाएगा। इससे मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी।
एंडेस्कोपी मशीन से होगी कान, नाक गले की जांच
महारानी अस्पताल में अब कान, नाक और गले की समस्या से पीडि़त मरीजों का इलाज भी शुरू हो गया है। इन मरीजों की जांच के लिए एंडोस्कोपी मशीन की खरीदी भी की गई है। इस मशीन से मरीज के कान, नाक और गले के किसी भी हिस्से की असानी से जांच कर सकते हैं। वहीं बच्चों के कान, नाक व गले में फंसे आहार व अन्य वस्तु को आसानी से निकाल सकते हैं।
दो विशेषज्ञ व 3 मेडिकल ऑफिसर की हुई भर्ती
जिला अस्पताल में अब डॉक्टरों की कमी दूर हो रही है। हालाही में यहां पर दो विशेषज्ञ और तीन मेडिकल ऑफिसर की भर्ती हुई है। इसमें मनोरोग विभाग में डॉ. शिवाजी मारेला और एक फिजियोथेरेपिस्ट की भर्ती की गई है। वहीं तीन मेडिकल ऑफिसर में से दो ने ज्वाईन भी कर लिया है। इन डॉक्टरों के आने से मरीजों को इलाज के लिए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज नहीं जाना पड़ेगा।
टीएमटी मशीन से होगी ह्दय रोगियों की जांच
महारानी अस्पताल में अब ह्दय रोगियों का भी इलाज शुरू हो गया है। यहां पर लाखों रुपए की लागत से टीएमटी मशीन की खरीदी की गई है। इससे अब मरीज के ह्दय में छोटी सी छोटी समस्या का पता चल जाएगा। मशीन नहीं होने की वजह से हार्ट पेशेंट की बीमारी बढ़ जाती थी। अब इस प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। वहीं अब हार्ट पेशेंट को इलाज के लिए बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा।
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