जगदलपुर स्थित इस स्कूल के 9वीं में पढ़ रहे छात्र ने स्कूल कैंपस में ही पंखे से लटक कर दे दी जान
मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर शमा हमदानी ने मानसिक रोग से ग्रसित लोगों के लक्षण के बारे में बारीकी से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानसिक रोग से ग्रसित व्यक्ति को शारीरिक रोग से पीडि़त की तरह सहानुभूति नहीं मिलती है। आज भी मानसिक रोगियों को झाड़-फूंक के लिए बैगा के पास ले जाकर शारीरिक प्रताडऩा के लिए झोंक देते हैं। डॉ हमदानी ने बताया कि हर 500 की आबादी में 4 से 5 लोग मानसिक रोग के शिकार होते हैं। इसके लक्षण में नींद नहीं आना, चरित्र संदेह, बड़बड़ाना, गुमसुम रहना जैसे दिखाई देते हैं। ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ताओं और परिजनों को मनोरोगियों की इलाज के लिए तत्काल मनोरोग विशेषज्ञ या जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक में लेकर जाएं। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा डॉक्टर देवेन्द्र नाग, दंतेवाड़ा एसपी डा. अभिषेक पल्लव, सिविल सर्जन डॉक्टर विवेक जोशी, डॉक्टर संजय प्रसाद, डॉक्टर अनंत महतो, डॉक्टर ऋषभ साव सहित चिकित्सक एवं मिडिया संवादाता उपस्थित थे।मदद के लिए डायल 104 में करे कॉल
सीएफ आर के वरिष्ठ सलाहकर आरती धर ने बताया कि आत्महत्या की घटना को रोकने या कम करने में पत्रकारों के फील्ड रिपोर्टिंग के दौरान सोशल रेस्पोंसबिलिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है। लोगों के मन में सकारात्मक खबरों से बदलाव आता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आत्महत्या को रोकने के लिए वर्ष 2008 में 11 बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी किया गया है। तनावग्रस्त लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर डायल १०४ के बारे मेंं बताया जाए। कार्यशाला के अंतिम सत्र में पत्रकारों ने कई सवाल भी किए। वहीं कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी अनुभव शेयर किए।