scriptOMG: शहर में कल रात हुई साल की सबसे बड़ी चोरी, सैकड़ों ग्रामीणों ने दिया घटना को अंजाम, अब… | The biggest theft in Jagdalpur during Bastar Dussehra Rath 2019 | Patrika News
जगदलपुर

OMG: शहर में कल रात हुई साल की सबसे बड़ी चोरी, सैकड़ों ग्रामीणों ने दिया घटना को अंजाम, अब…

Bastar Dussehra 2019: देर रात बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के मंदिर के सामने से बस्तर दशहरा रथ चोरी हो गया।

जगदलपुरOct 09, 2019 / 10:48 am

Badal Dewangan

OMG: शहर में कल रात हुई साल की सबसे बड़ी चोरी, सैकड़ों ग्रामीणों ने दिया घटना को अंजाम, अब...

OMG: शहर में कल रात हुई साल की सबसे बड़ी चोरी, सैकड़ों ग्रामीणों ने दिया घटना को अंजाम, अब…

Bastar Dussehra 2019: जगदलपुर. बस्तर दशहरा में मंगलवार को भीतर रैनी पूजा विधान पूरी की गई। विजय रथ पर देवी छत्र और खड़्ग के साथ मंदिर के मुख्य पुजारी रथ पर सवार होकर मावली मंदिर की परिक्रमा पूरी की। बड़ी बात ये है कि इस विधान में चार पहियों की जगह पर आठ पहियों वाले विशालकाय रथ से परिक्रमा पूरी की गई।

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8 से 10 हजार लोगों की भीड़ जूटी थी
रात करीब ९ बजे माता का छत्र रथ पर चढ़ाया गया। यहां पर आदिवासी पारंपरिक वाद्य यंत्रों और पुलिस बल ने हर्ष फायर कर सलामी दी। इसके बाद रथ में माता का छत्र लेकर परिक्रमा शुरू हुई। सिरहासार भवन से गोलबाजार, गुरुगोङ्क्षवद सिंह चौक होते हुए मां दंतेश्वरी मंदिर तक यह रथ खींचा गया। रात करीब १०.३० बजे यह परिक्रमा पूरी हुई। आठ पहियों वाले इस रथ को कोड़ेनार, किलेपाल परगना केे करीब दो से ढ़ाई हजार आदिवासियों ने खींचा। रथ के आगे देवी-देवताओं के साथ मांझी और चालकी चले। ढोल-नंगाड़े और आतिशबाजियों के बीच रथ परिक्रामा पूरी हुई। इस दौरान माता के छत्र का दर्शन करने करीब 8 से 10 हजार लोगों की भीड़ जूटी हुई थी।

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बस्तर संभाग से हजारों आदिवासी शामिल हुए
परिक्रमा पूरी होने के बाद देर रात रथ चोरी करके शहर से ५ किमी दूर कुम्हड़ाकोट में छिपा दिया। यहां पर पूरे बस्तर से जुटे सैंकड़ों देवी-देवताओं के प्रतीको को एक जगह पर स्थापित किया गया। माई जी के साथ सभी देवी-देवताओ की भी पूजा की गई। इसके बाद नए अनाज से बने भोग प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान पूरे बस्तर संभाग से हजारों आदिवासी शामिल हुए। साथ ही देश और विदेश भी पर्यटक इस पर्व को देखने के लिए पहुंचे। इधर देर रात को परंपरानुसार इस रथ को चुराकर कुम्हाडक़ोट के जंगल में ले जाया गया। बुधवार को इस रथ को ससम्मान लाया जाएगा।

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राजा आज वापस लेकर आएंगे चोरी हुए रथ को
राजपरिवार और बस्तर के आदिवासी बुधवार को अपने देवी-देवताओं के साथ कुम्हाड़ाकोट पहुंचेंगे। यहां पर राजा अपनी कुल देवी को नया अन्न अर्पित कर जनता के साथ नयाखानी पर्व पूरा करेंगे। वहीं मान मानमनौव्वल के बाद रथ वापस लाएंगे। दंतेश्वरी मंदिर का मुख्य पूजारी मांई जी के छत्र के साथ रथ पर सवार होंगे और राजपरिवार के सदस्य रथ के सामने अपने वाहन पर सवार होकर राजमहल रथ लेकर पहुंचेंगे। इस पूरे विधान को बाहर रैनी कहते है।

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