scriptहत्या-बलात्कार के एक तिहाई मामलों में सजा 3 से 10 साल में | 13 Rape and murder cases decided in 3 to 10 yrs. | Patrika News
जयपुर

हत्या-बलात्कार के एक तिहाई मामलों में सजा 3 से 10 साल में

— गंभीर अपराध के 42 प्रतिशत आरोपियों को सजा ही नहीं होती

जयपुरSep 17, 2021 / 01:27 am

Shailendra Agarwal

court.jpg
जयपुर। प्रदेश के बलात्कार के मामले में देश में आगे होने के साथ ही एक और चिंताजनक पहलू सामने आया है कि पिछले साल हत्या व बलात्कार के 36 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में 3 साल में भी सजा नहीं हुई। गंभीर अपराध के 42 प्रतिशत आरोपियों को सजा ही नहीं हो पाई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2020 के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।
हत्या और बलात्कार के ऐसे मामले भी हैं, जिनमें सजा होने में 10 साल से भी अधिक समय लग रहा है। एनसीआरबी के अनुसार ऐसे मामलों की संख्या 225 बताई गई है। करीब 8 प्रतिशत मामले ऐसे भी आए हैं, जिनमें सजा होने में 5 से 10 साल का समय लगा।
आधे से ज्यादा मामलों में 1 से 5 साल में सजा
अपराधों में कमी लाने के लिए सजा जल्दी दिलाने की वकालत की जाती है, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में बलात्कार और हत्या के 56 प्रतिशत अपराधों में सजा होने में एक से पांच साल लग जाते हैं। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 13 प्रतिशत मामले ही ऐसे होते हैं, जिनमें 6 माह से कम समय में सजा हो गई। पिछले साल हत्या और बलात्कार के 169 मामले ऐसे भी थे, जिनमें एक माह से कम समय में सजा हुई।
राजस्थान और महाराष्ट्र एक जैसी स्थिति में
गंभीर अपराध के मामलों में एनसीआरबी की 2020 की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि सजा की दर में मिजोरम देश में सबसे आगे हैं। वहां सजा की दर करीब 95 प्रतिशत रही। नागालैंड 80 प्रतिशत सजा दर के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। सजा दर में केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, तेलंगाना व उत्तरप्रदेश भी राजस्थान से आगे हैं, लेकिन प्रदेश की स्थिति महाराष्ट्र के समान है।

Home / Jaipur / हत्या-बलात्कार के एक तिहाई मामलों में सजा 3 से 10 साल में

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो