चिकित्सा विभाग की नाकामी का नतीजा यह है कि राजधानी में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज हैं। आंकड़ों के अनुसार जयपुर ग्रामीण और शहर को मिलाकर करीब 3688 मरीज पॉजिटिव हैं। इसके बाद कोटा दूसरे नंबर पर है। कोटा में 1213 और तीसरे नंबर पर जोधपुर में 1111 डेंगू के पॉजिटिव केस हैं।
जयपुर जिले में डेंगू से सर्वाधिक पांच जनों की मौत हो चुकी है। जिनमें जयपुर शहर में तीन और ग्रामीण में दो मौतें हैं। इसके अलावा अलवर में दो, भरतपुर में दो, सीकर में दो और करौली, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़ में एक-एक जने की मौत हुई है।
डेंगू की रोकथाम के लिए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा गंभीर नजर आ रहे हैं। मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर सर्वे करवाया जा रहा है। चिकित्सा मंत्री ने हाल में अधिकारियों से प्रदेशभर का फीडबैक लिया, जिसमें सामने आया है कि अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवम्बर माह में विभाग की टीमों ने एक करोड़ 36 लाख घरों तक दस्तक दी है। लगभग 4 लाख कंटेनरों में लार्वा पाया गया, जिसे उपचारित किया गया। 32 लाख से अधिक स्थानों पर टेमीफोस सहित एमएलओ डाला गया।
अचानक बुखार आना, सिर में आगे की तरफ तेज दर्द, आंखों के पीछे व आंखों के हिलने में दर्द, मांसपेशियों जोड़ों में दर्द, स्वाद का पता न चलना व भूख न लगता
घर में मच्छरों को न पनपने दें। किसी भी जगह पानी एकत्र न होने दें। पूरे शरीर को ढककर रहे। बीमारी के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करें।