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सीमेंट फैक्ट्री में मारे गए थे 15 श्रमिक, नौ में से सिर्फ दो अधिकारी पाए गए दोषी

जयपुर. चित्तौडग़ढ़ के बिरला सीमेंट संयत्र में गत वर्ष एक हादसे में मारे गए पंद्रह श्रमिकों की मौत के मामले में पुलिस ने सिर्फ दो अधिकारियों के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया है। पुलिस के अनुसार गत वर्ष 29 सितम्बर की शाम फैक्ट्री के किलन संयत्र में जलती हुई कोल एश रिवर्स आ जाने से 18 श्रमिक व इंजिनियर झुलस गए थे जिनमें से पंद्रह की बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई थी।

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जयपुर

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Subhash Raj

Jul 10, 2020

सीमेंट फैक्ट्री में मारे गए थे 15 श्रमिक, नौ में से सिर्फ दो अधिकारी पाए गए दोषी

सीमेंट फैक्ट्री में मारे गए थे 15 श्रमिक, नौ में से सिर्फ दो अधिकारी पाए गए दोषी

इस मामले में एक मृतक के परिजन लक्ष्मीचंद्र माली ने चंदेरिया थाने पर धारा 287, 308 व 304, 34 में संयत्र के एचआर हेड एसएन सालवी, लोकेशन हेड राजेश कक्कड़, सेफ्टी इंचार्ज संजय राठी,साईट इंचार्ज जिनेश कुमार, सीनीयर वाइस प्रेसिडेंट राजीव भल्ला,डिप्टी जनरल मैनेजर संजय शाह, शिफ्ट इंचार्ज प्रकाश शर्मा, लेबर कांट्रेक्टर पवन कुमार सहित कुल नौ जनों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जांच पुलिस वृत्ताधिकारी विरदीचंद गुर्जर ने तय समय पर नहीं करते हुए गत दो जनवरी को चित्तौडग़ढ़ के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) के समक्ष आधा अधूरा आरोप पत्र प्रस्तुत करते हुए और समय मांगा जिसके बाद दो मार्च 2020 को पूरक आरोप पत्र पेश किया। इसमें केवल संयत्र के डिप्टी जनरल मैनेजर संजय शाह निवासी बुरहानपुर (म.प्र.) व सेफ्टी इंचार्ज संजय राठी निवासी शाहदरा, नई दिल्ली को आरोपी बनाया गया। रिपोर्ट लिखवाने वाले प्रार्थी ने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी पर संयत्र प्रबंधकों से मिलीभगत कर बड़े व स्थानीय अधिकारियों को बचा लिया व केवल दो को ही आरोपी बनाया है। जांच अधिकारी गुर्जर मार्च में ही सेवानिवृत हो चुके है। इस घटना में मृत सभी श्रमिकों का बिरला सीमेंट प्रबंधन ने ही अहमदाबाद में उपचार करवाया लेकिन कोई भी नहीं बच सका। संयत्र की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को दस दस लाख रूपये का मुआवजा भी दिया गया था।