जैन ने बताया कि इन 17 सेवाओं में लर्निंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूवल, डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के पते में बदलाव, अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट की समस्याऎं, वाहन का हस्तांतरण, मोटर वाहन के लिए अस्थायी रजिस्ट्रेशन, फुल बिल्ड बॉडी मोटर वाहन का रजिस्ट्रेशन, डुप्लीकेट सर्टिफिकेट, एनओसी, ऑनरशिप ट्रांसफर का नोटिस, अधिकृत ड्राइवर के लिए ट्रेनिंग आवेदन सहित अन्य सेवायें ऑनलाइन ही उपलब्ध हो जाएगी। ऑनलाइन सेवाएं लेने के दौरान तकनीकी समस्या पर लैंडलाइन दूरभाष नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। परिवहन आयुक्त ने सेशन में वाहन चालकों से 31 मार्च तक बकाया कर में शास्ति की छूट लेकर कर जमा कराने की अपील भी की।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि बकाया कर जमा नहीं करना अपराध है। इसमें चल-अचल संपति जब्त की जा सकती है। इसलिए वाहन संचालक वाहनों से संबंधित सभी बकाया करों को 31 मार्च तक जमा कराकर छूट का फायदा भी ले सकते है। उन्होंने बताया कि संभाग स्तर पर भी परमिट कराया जा सकता है। एमनेस्टी योजना में जमा करों से अभी तक 50 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
जैन ने बताया कि जयपुर स्थित जगतपुरा परिवहन कार्यालय में ऑटामैटिक लाइसेंस ट्रेक बन चुका है। अब प्रदेश के 30 जिलों में भी जल्द बनाए जाएंगे। विभाग हर जिले में ट्रैफिक पार्क बनाएगा। इसमें हर उम्र वर्ग के लोगों को यातायात से संबंधित जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि वाहन संचालक अपने वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाकर मानवीय अपराध से बचें।
उन्होंने बताया कि पुराने वाहनों पर हाई-सिक्योरिटी प्लेट का मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। इस दौरान वाहन चालकों को अन्य राज्यों में आवागमन में समस्या ना उठानी पड़े। इसके लिए दूसरे राज्यों को पत्र लिखा जा चुका है। उन्होंने बताया कि नाबालिग के वाहन चलाने पर 25 हजार, बिना लाइसेंस के 5 हजार और एंबुलेंस को रास्ता नहीं देने पर 1000 रुपए का जुर्माना है।
इस अवसर पर अतिरिक्त परिवहन आयुक्त आर.सी.यादव ने बताया कि दिव्यांगजनों को 8 लाख रुपए की कीमत तक के वाहनों पर कर की छूट दी जाती है। इसमें वाहन दिव्यांगजन के अनूकूल होना चाहिए। इस सम्बंध में सभी जानकारी विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है।