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जयपुर

राजस्थान में 20 लाख मतदाता जांच के दायरे में, हर बूथ पर 40 से 50 वाेटर संदिग्ध!

राजस्थान में भी निर्वाचन विभाग ने फर्जी मतदाताओं को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है।

जयपुरJun 09, 2018 / 09:42 am

santosh

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जयपुर। मध्य प्रदेश में फर्जी मतदाताओं के नाम जुड़े होने का मामला सामने आने के बाद राज्य में भी निर्वाचन विभाग ने फर्जी मतदाताओं को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। हाल ही 1 जून से राज्य में शुरू हुए घर-घर सर्वे में इस पर फोकस किया जा रहा है।
राज्य में फर्जी मतदाताओं को लेकर निर्वाचन विभाग के पास कोई आंकड़े तो नहीं हैं। लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो हर मतदान केन्द्र पर 40 से से 50 नाम फर्जी मतदाता मिल सकते हैं।
ऐसे में इस संख्या के राज्य के हिसाब से देखा जाए तो प्रदेश के 51 हजार से ज्यादा बूथों पर 20 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम फर्जी मिलने की आशंका है। निर्वाचन विभाग के मुताबिक राज्य की वर्तमान में अनुमानित आबादी 7.93 करोड़ है, जबकि इसमें 4.72 करोड़ मतदाता हैं।
फर्जी मतदाता की श्रेणी
– वे मतदाता जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर जुड़ चुके।
– राजस्थान से बाहर जा चुके फिर भी राज्य की सूची में नाम है।
– मृत्यु होने के बाद भी मतदाता सूची से नाम नहीं हटाए गए।
साल में दो बार जांच
साल में दो बार मतदाता सूची में नाम जोडऩे, हटाने और संशोधन को लेकर जांच होती है। हर बार बड़ी संख्या में नाम जोडऩे और हटाने का काम होता है। लेकिन आज तक मतदाता सूची ऐसी नहीं बन सकी, जिसमें फर्जी नाम पूरी तक हटा दिए गए हैं। हालांकि अब पहले के मुकाबले फर्जी नाम होने की शिकायतें आम हैं।
वेण्डर की बड़ी गलती
फर्जी मतदाताओं के नाम हटाने व संशोधन को लेकर मतदाता सूची का का काम करने वाले वेण्डर की बड़ी गलती सामने आती है। बूथ लेवल अधिकारियों की मानें तो उनकी ओर से मृत लोगों, दोहरे नाम और पलायन करने वाले मतदाता के नाम की सूची दी जाती है, तो भी कई बार ऑपरेटर नाम नहीं हटाते। उनका कहना है कि मृत लोगों के बार-बार डेथ सर्टिफिकेट मांगने पर लोग भी नाराज होते हैं। ऐसे में फर्जी नाम हटने से रह जाते हैं।
ऐसे भी लगाया जा सकता फर्जी वोटर का अंदाजा
राज्य में वर्तमान में करीब 4.72 करोड़ मतदाता हैं। जनसंख्या अनुपात में 18 से 39 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 3 करोड़ के आसपास होनी चाहिए। अभी सूची में करीब 2.42 करोड़ के आसपास हैं। इसी प्रकार इससे अधिक उम्र के मतदाताओं के नाम जनसंख्या अनुपात से अधिक हैं।

18 से 39 आयु वर्ग और मतदाता…
18-19 – 1563341
20-29 -12307405
30-39 – 10408724

यहां भी गड़बड़ी…
आयोग के अनुसार जनसंख्या अनुपात के हिसाब से 61.5 फीसदी मतदाता होने चाहिए। राज्य में 59 फीसदी के आसपास मतदाता हैं।
ईआरओनेट से हो सकेगी समस्या हल
निर्वाचन विभाग देशभर में ईआरओनेट व्यवस्था लागू कर रहा है। अभी इसके पूरी तरह देशभर के नेटवर्क से नहीं जुडने के कारण काम अधूरा है। इसमें मतदाताओं के नाम जोडऩे, हटाने और संशोधित करने का काम ऑनलाइन होगा। इससे राज्य ही नहीं, दूसरे राज्य में भी मतदाता नाम नहीं जुड़वा सकेंगे। इस प्रक्रिया को अच्छी तरह लागू करने में समय लगेगा।

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