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जयपुर

प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मंत्री समेत 50 एससी-एसटी सांसद लामबंद

पदोन्नति में आरक्षण ( Reservation in promotion ) के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ( Supreme Court’s Verdict ) आने के बाद अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के सांसद ( SC-ST MPs ) आगे की रणनीति बनाएंगे। एक मिलन समारोह में एससी/एसटी के 50 से अधिक सांसद जुटे । ( More than 50 MPs of SC / ST gathered ) ( Jaipur News )

जयपुरFeb 11, 2020 / 01:49 am

sanjay kaushik

प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मंत्री समेत 50 एससी-एसटी सांसद लामबंद

प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मंत्री समेत 50 एससी-एसटी सांसद लामबंद

-मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर जुटे

-मंत्री थावरचंद गहलोत समेत छह केंद्रीय मंत्री भी हुए शामिल

-आगे की रणनीति बनाने पर सांसदों ने किया विचार-विमर्श

नई दिल्ली। पदोन्नति में आरक्षण ( Reservation in promotion ) के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ( Supreme Court’s Verdict ) आने के बाद अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के सांसद ( SC-ST MPs ) आगे की रणनीति बनाएंगे। इस सिलिसिले में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के आमंत्रण पर सोमवार को उनके आवास पर एक मिलन समारोह में एससी/एसटी के 50 से अधिक सांसद जुटे । ( More than 50 MPs of SC / ST gathered ) इस आयोजन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत समेत छह केंद्रीय मंत्री शामिल ( Included six Union Ministers ) हुए। ( Jaipur News ) समारोह में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के मसले को लेकर आगे की रणनीति बनाने पर सांसदों ने विचार-विमर्श किया।
-पदोन्नति में आरक्षण कानूनी बाध्यता नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में कहा है कि राज्य सरकारें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है। शीर्ष अदालत ने बीते सप्ताह अपने फैसले में कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का दावा करना किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं है।
-पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विचार

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस मसले को लेकर पार्टी लाइन से ऊपर उठकर दोनों समुदाय के सांसद यहां केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने इस मामले में आगे की रणनीति बनाने के संबंध में विचार-विमर्श किया। सोमवार को ही, इससे पहले राज्यसभा में थावरचंद गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की भलाई के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
-विपक्ष का संसद से बहिर्गमन

इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सोमवार को संसद में कहा कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के कल्याण के प्रति समर्पित है। उत्तराखंड में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया है, उस पर उच्च स्तर पर विचार विमर्श कर उचित फैसला किया जाएगा। गहलोत के इस बयान को विपक्ष ने अस्पष्ट बताते हुए कड़ा विरोध किया और लोकसभा तथा राज्यसभा से वाकआउट किया। गहलोत ने कहा कि उत्तराखंड में पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को फैसला दिया है। उत्तराखंड सरकार ने यह मामला दायर किया था, जिसमें केंद्र सरकार पक्षकार नहीं थी। उस समय उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में समुचित कदम उठाएगी।
-विधेयक लाने की मांग

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह देश की एक चौथाई आबादी का सवाल है। उन्होंने सरकार से इस मामले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने या विधेयक लाने की मांग की।

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