राजस्थान विश्वविद्यालय की कक्षाओं में विद्यार्थियों की कमी का एक कारण शिक्षकों की कमी भी है। कई विभाग तो ऐसे हैं, जिनमें कक्षाएं कम ही लगती है। दूर दराज से विद्यार्थी यहां आते हैं, लेकिन नियमित कक्षाएं नहीं लगने से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है।
अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.एस.एस.सोमरा ने बताया कि कक्षाओं में उपस्थिति अच्छी रहती है। यदि किसी विद्यार्थी की उपस्थिति कम होती है तो उसे परीक्षा देने से रोकते हैं, ऐसे करीब 20 विद्यार्थियों को इस बार भी रोका गया है।
वहीं इसी विभाग के डॉ.जी.एल.मीणा ने बताया कि यहां नियमित रूप से क्लास लगती हैं। करीब 80 प्रतिशत विद्यार्थी नियमित आते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.के. कोठारी ने सभी विभागाध्यक्षकों को पत्र लिखकर कक्षाओं में विद्यार्थियों की 75 फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद भी कोई विशेष सुधार नहीं देखने को मिला।
विद्यार्थी परिषद के प्रदेशमंत्री होशियार मीणा ने बताया कि कक्षाएं विश्वविद्यालय में नियमित नहीं लगती हैं, इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान होता है। उन्होंने कुलपति से नियमित कक्षाएं लगाने की मांग की है।
विद्यार्थी और शिक्षको की कक्षाओं में पूरी तरह से उपस्थिति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें पहले की तुलना में सुधार भी देखने में मिला है। विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षाओं में आए इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को एक बार फिर लिखित में निर्देश दिए जाएंगे। मैं स्वयं औचक निरीक्षण कर इसकी स्थिति का जायजा लूंगा।
प्रो. आर.के. कोठारी, कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय