चुनावी साल में हर क्षेत्र में कई रेवड़ियां बांटी गई, लेकिन हेल्थ सेक्टर की योजनाओं का मरीजों को काफी फायदा मिला। कैंसर, हार्ट और अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को महंगी दवाएं और इंजेक्शन तो निशुल्क मिले ही, ऑपरेशन तक निशुल्क होने से जनता को राहत मिली। इस साल जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंसेज एंड ऑप्थेलमोलॉजी की स्थापना की घोषणा भी हुई। इसके लिए पिछले वर्ष 293.79 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। करीब 120 करोड़ रुपए की लागत से सेंटर फॉर पोस्ट कोविड रिहेबिलिटेशन तथा इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज खोलने की भी घोषणा हुई।
1773 उप स्वास्थ्य केंद्रों, 77 प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 67 उप जिला तथा 27 जिला अस्पताल खोलने से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ। वर्तमान में प्रदेश के लगभग डेढ़ करोड़ परिवार चिरंजीवी योजना से जुड़े हुए हैं। प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी बीमा से कवर हो गई है। इस लिहाज से राजस्थान देश भर में अग्रणी है।