जयपुर

राजस्थान में ACB-ED का बड़ा एक्शन, करोड़ों की संपत्ति के मालिक निकले RPSC के पूर्व सदस्य, अफसर और डॉक्टर

राजस्थान में बुधवार को जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक डॉक्टर और एक आबकारी अधिकारी के घर व कार्यालयों की तलाशी ली। आय से अधिक संपत्ति के मामले में डॉक्टर और आबकारी अधिकारी करोड़ों की संपत्ति के मालिक निकले।

जयपुरMar 14, 2024 / 08:44 am

Anil Prajapat

जयपुर। राजस्थान में बुधवार को जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक डॉक्टर और एक आबकारी अधिकारी के घर व कार्यालयों की तलाशी ली। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमें राजस्थान लोकसेवा आयोग (RPSC) के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा व उसके बेटे के घर पर पहुंची। आय से अधिक संपत्ति के मामले में डॉक्टर और आबकारी अधिकारी करोड़ों की संपत्ति के मालिक निकले। एसीबी की टीमें संपत्तियों के जब्त दस्तावेज का आकलन कर रही हैं। उधर, ईडी ने कटारा की आठ संपत्तियों को सीज किया है, जो करोड़ों रुपए की हैं।



बीकानेर के जिला आबकारी अधिकारी मोहनराम पूनिया के पास करोड़ों रुपए की सम्पत्ति मिली है। एसीबी ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की एफआईआर दर्ज कर बुधवार को जोधपुर में एक और बीकानेर में दो जगहों पर एक साथ दबिश देकर तलाशी ली। करोड़ों रुपए की आवासीय व कृषि भूमि के दस दस्तावेज पाए गए हैं। एक टीम ने जोधपुर में आरटीओ के पास आबकारी अधिकारी के बंगले और दो अन्य टीमों ने बीकानेर में मकान व एक अन्य जगह एक साथ दबिश दी। एसीबी की तीनों टीमें अभी तक तलाशी ले रही हैं। एसीबी का कहना है कि गोपनीय शिकायत के आधार पर जांच की गई। इसमें कई दस्तावेज मिले। आबकारी अधिकारी के खुद, पत्नी व रिश्तेदारों के नाम अनेक सम्पत्तियां होने का पता लगा। जो आय से कहीं गुना अधिक हैं। आबकारी अधिकारी पूनिया ने जोधपुर, बीकानेर व आस-पास के क्षेत्र में आवासीय, व्यावसायिक व फ्लैट्स आदि में निवेश किए हैं।

 



एसीबी टीम ने बुधवार को दौसा जिले के महुवा जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक दिनेश मीणा के सरकारी आवास, अकबरपुर स्थित पैतृक आवास, ठेकड़ा बायपास पर निर्माणाधीन भवन एवं जयपुर स्थित आवास पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में तलाशी ली। प्राथमिक आकलन एवं अब तक मिले दस्तावेज के अनुसार चिकित्सक द्वारा अपनी पत्नी एवं रिश्तेदारों के नाम से अनेक परिसंपत्तियां अर्जित कर रखी हैं। जो उनकी वैध आय से कहीं अधिक हैं। चिकित्सा अधिकारी ने अपनी अवैध आय को जयपुर शहर एवं आसपास में आवासीय व्यावसायिक भूखंडों, फ्लैट एवं इंश्योरेंस आदि में निवेश की। परिजन के नाम से विभिन्न स्थानों पर करीब तेरह आवासीय एवं कृषि भूखंडों के दस्तावेज तथा चल अचल संपत्तियों की जानकारी भी मिली है। इनकी बाजार कीमत करोड़ों रुपए है।
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इधर, आरपीएससी पेपर लीक प्रकरण को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम बुधवार को डूंगरपुर पहुंची। टीम ने आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा समेत उनके बेटे की संपत्तियों को अटैच करते हुए सीज किया। ईडी की टीम में 3 से 4 अधिकारी शामिल थे। टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से पेपरलीक प्रकरण के आरोपी बाबूलाल कटारा और उसके बेटे दीपेश कटारा की संपत्ति की डिटेल लिस्ट जुटाई। इसके बाद टीम ठिकानों पर पहुंची। ईडी के अधिकारी अस्पताल रोड पर एक भूखंड पर पहुंचे। जहां 1330 वर्ग फीट के वाणिज्यिक भूखंड पर संपत्ति सीज का बोर्ड लगाया।

इसके बाद टीम मालपुर में 3 बीघा 3 बिस्वा, 16 बिस्वा और मालपुर में ही 0.2 हेक्टेयर कृषि भूमि को सीज किया। भाटपुर में एक बीघा 12 बिस्वा कृषि भूमि समेत उसकी पांच प्रॉपर्टी को भी सीज करने की कार्रवाई की गई है। जिनकी बाजार की कीमत करोडों में बताई जा रही है। आरपीएससी पेपरलीक प्रकरण में 9 महीने पहले बाबूलाल कटारा को अजमेर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसके भांजे विजय डामोर और ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया था।

 

राजस्थान लोक सेवा आयोग की सदस्य डॉ. मंजू शर्मा के एसीबी की जयपुर टीम ने बुधवार को अजमेर में बयान दर्ज किए। आयोग में उनके कक्ष में करीब दो घंटे तक चली पूछताछ में मंजू शर्मा से घूमन्तु जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत के अधिशाषी अधिकारी(ईओ) घूसकांड प्रकरण से जुड़े सवालों के जवाब मांगे। जानकारी अनुसार डॉ. शर्मा ने एसीबी की ओर से प्रकरण से जुड़े तमाम सवालों को सिरे से खारिज कर दिया। मंगलवार दोपहर आयोग सदस्य डॉ. संगीता आर्य से भी पूछताछ की गई थी।

पड़ताल में सामने आया कि प्रकरण में एसीबी की ओर चार्जशीट पेश की जा चुकी है। चार्जशीट में आयोग सदस्य डॉ. संगीता आर्य व डॉ. मंजु शर्मा का नाम नहीं है लेकिन कोर्ट ने एसीबी को प्रकरण में लोक सेवक की लिप्तता की जांच के आदेश दिए है। कोर्ट के आदेश पर एसीबी ने प्रकरण में पुन: अनुसंधान शुरू किया है।आवश्यकता पर एसीबी पूरक चार्जशीट पेश कर सकती है। शर्मा को 2020 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आरपीएससी सदस्य बनाया। वह आयोग सदस्य बनने से पहले भरतपुर के एम.एस.जे राजकीय कॉलेज में व्याख्याता के पद पर थी।

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