एपीओ होने के बाद नागौर से अजमेर आ रहा था थानेदार
दरअसल नागौर जिले के खींवसर थाने में तैनात थानेदार केशर सिंह को एसीबी ने अजमेर के थावंला थाना क्षेत्र में थावंला टोल पर पकडा। बताया जा रहा है कि नागौर में खींवसर थाने के स्टाफ से ही एसीबी को थानेदार केशर सिंह के बारे में सूचना मिली थी और इसी सूचना के आधार पर एसीबी ने उसे थावंला टोल नाके पर रोक लिया। वह अपनी कार से अजमेर स्थित अपने घर जा रहा था। रिश्वत में जो पैसा उसने खींवसर थाने में बनाया वह पैसा और शराब की महंगी बोतलें थानेदार केशर सिंह अपने घर पर रखने जा रहा था। उसके बाद उसे नागौर पुलिस लाइन में ड्यूटी देनी थी। लेकिन टोल के पास एसीबी ने उसे पकडा और रुपयों के बारे में पूछताछ की तो उसने कई जवाब दिए। कोई भी जवाब एसीबी को सही नहीं लगां। बाद में उसे हिरासत में ले लिया गया। उसकी कार से निकली शराब की बोतलों के मामले में अलग से कार्रवाई की जा रही है। खींवसर थाने के स्टाफ से एसीबी को जानकारी मिली कि वह महंगी शराब का शौकीन था और रात के समय अधिकतर शराब के नशे में ही रहता था।
खींवसर थानाधिकारी के पद पर रहते हुए केशर सिंह ने एक पूर्व सरपंच को अफीम के झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की थी और इस मामले में उससे चार लाख पचास हजार रुपए भी मांगे थे। पूर्व सरपंच ने इस बारे में जब नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल को बताया तो बेनीवाल ने इस बारे में पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों से बातचीत की। पुलिस मुख्यालया की विजिलेंस टीम ने अपने स्तर पर जांच की तो पाया कि केशर सिंह ने गडबड़ की है। इस पर केशर सिंह को तीन दिन पहले ही एपीओ किया गया था। उसके इस मामले की जांच भी जल्द ही शुरू की जानी थी। एपीओ कर उसे नागौर पुलिस लाइन भेजा गया था। लाइन में ड्यूटी देने से पहले उसने अपने रिश्वत के रुपए घर रखने की तैयारी की और एसीबी के हाथों धरा गया।