रिपोर्ट में बताया था कि पीडि़त पक्ष की आरोपी पक्ष से मुलाकात उदयपुर रेलवे स्टेशन पर हुई थी। जयपुर निवासी बलवेंद्रसिंह ने अपने परिचित फरीदाबाद निवासी अमित शर्मा से गैस एजेंसी लेने संबंधी बात की थी। अमित के साथ आए व्यक्ति शत्रुघ्न तिवाड़ी ने दिल्ली में निकेश पोचपते को रुपए देकर गैस एजेंसी लेने की बात कही। जब बलवेंद्रसिंह दिल्ली गया तो निकेश ने मंत्री कोटे से एफसीआई और वन विभाग में एलडीसी, यूडीसी पदों पर नौकरियां लगाने का ऑफर दिया। शंका होने पर आरोपी ने ये भी कह दिया कि यह लीगल प्रक्रिया है, मंत्री अपने स्तर पर किसी को भी नौकरी लगवा सकते हैं।
पीडि़त बलवेंद्रसिंह ने अपने परिचत सत्यम तोमर, तरुण जाट को नौकरी दिलाने दिल्ली ले गया, जहां कथित अधिकारी निकेश ने 18-18 लाख रुपए ले लिए। नौकरी दिलाने के लिए बकायदा जॉइनिंग लेटर भी दिलाया और शुरुआत में ट्रेनिंग दिलाने की बात भी कही। जॉइनिंग के लिए सिलिगुड़ी भी भेजा दिया।