दाअसल मंड्रेला के समीप कंकड़ेऊ कलां में पिछले कई सालों से दशहरे से पूर्व रामलीला का आयोजन किया जाता है। इस साल भी यह रामलीला का आयोजन कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ था। मंगलवार रात को इसमें भगवान श्री राम के वनवास गमन का मंचन किया गया। पिता की आज्ञा से श्रीराम तो वन चले जाते हैं, लेकिन पीछे से दशरथ उनके वियोग में प्राण त्याग देते हैं। रामलीला में दशरथ का किरदार चूरू के तारानगर भुवाड़ी तन निवासी कुंदन मल (65) निभा रहे थे। उन्होंने अपना किरदार बखूबी निभाया। बाद में तय समय पर रामलीला समाप्त हो गई, लेकिन कुछ देर बाद ही कुंदनमल का आकस्मिक निधन हो गया। एक बार तो इस पर किसी को यकीन नहीं हुआ। बाद में उनके शव को गांव ले जाया गया। जहां बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया।
कुंदनमल के साथियों ने बताया कि अक्सर दशरथ का रोल करने वाले कुंदनमल इतने सटीक और सजीव एक्टिंग करते थे कि दर्शक तालियां पीटते थे। कई दर्शक भावुक हो जाते थे। मंचन के बाद उनके पैर तक दर्शक छूते थे। मंगलवार को उनके साथ जो भी हुआ वह बेहद खतरनाक और चौंकाने वाला था।