आरटीओ (
RTO ) जैसे जनता से जुड़े कार्यालय में तो हद हो गई, जहां 90 प्रतिशत राजपत्रित अधिकारी और 83 प्रतिशत अराजपत्रित कर्मचारी मौजूद नहीं थे। खुद आरटीओ राजेन्द्र वर्मा भी निरीक्षण के वक्त कार्यालय में नहीं थे। एआरडी की टीम ने आरटीओ के अलावा अरण्य भवन, वाणिज्यिक कर, महिला अधिकारिता, प्रदूषण नियंत्रण मंडल (
Pollution Control Board ), राजस्थान सडक़ विकास निगम, पाठ्य पुस्तक मंडल, राजस्थान सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण, राजस्थान आजीविका मिशन और भूजल विभाग में औचक निरीक्षण कर हाजिरी रजिस्टर जब्त किए। निरीक्षण दल ने इन कार्यालयों में जाकर कुल 360 अधिकारियों की उपस्थिति जांची, जिनमें 215 गैरहाजिर पाए गए। कुल 772 अराजपत्रित कर्मचारियों में से 450 सुबह 9.40 बजे तक कार्यालयों में नहीं पहुंचे।
मच गई खलबली
आरटीओ में जैसे ही विभाग का निरीक्षण दल पहुंचा, कर्मचारियों में खलबली मच गई। कई कर्मचारी अपने साथियों को बुलाने के लिए फोन मिलाने लगे। लेकिन टीम ने सभी शाखाओं की उपस्थिति पंजिकाएं जब्त कर लीं। ये रजिस्टर गैरहाजिरी लगाने के बाद दोपहर में वापस कार्यालय भेजे गए। पिछले दिनों राजस्थान पत्रिका ने भी समाचार प्रकाशित कर आरटीओ कार्यालय में कर्मचारियों के समय से पहले घर लौट जाने का खुलासा किया था।
कहां कितने गैरहाजिर आरटीओ- 10 में से 9 अधिकारी, 95 में से 79 कर्मचारी अरण्य भवन- 51 में से 35 अधिकारी, 170 में से 119 कर्मचारी वाणिज्यिक कर- 161 में से 104 अधिकारी, 229 में से 111 कर्मचारी
महिला अधिकारिता- 19 में से 14 अधिकारी, 66 में से 43 कर्मचारी प्रदूषण नियंत्रण मंडल- 62 में से 21 अधिकारी, 61 में से 27 कर्मचारी सडक़ विकास निगम- 22 में से 16 अधिकारी, 51 में से 32 कर्मचारी
पाठ्य पुस्तक मंडल- 7 में से 5 अधिकारी, 11 में से 6 कर्मचारी सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण- 1 में से 1 अधिकारी, 16 में से 10 कर्मचारी राज्य आजीविका मिशन- 12 में से 4 अधिकारी, 21 में से 10 कर्मचारी
भूजल- 15 में से 6 अधिकारी, 52 में से 13 कर्मचारी