पर्दानशीं बणी-ठणी शिल्प में झलकती कला संस्कृति
शहर के मशहूर मूर्तिकार मुकेश प्रजापति ने पर्दानशीं बणी-ठणी शिल्प को क्ले मॉडल में उकेरा है,
पर्दानशीं बणी-ठणी शिल्प में झलकती कला संस्कृति
जयपुर। शहर के मशहूर मूर्तिकार मुकेश प्रजापति ने पर्दानशीं बणी-ठणी शिल्प को क्ले मॉडल में उकेरा है, जिसमें राजस्थान की माटी की सोंधी महक को महसूस किया जा सकता है। सभ्यता और संस्कृति की कबूलसूरत बानगी को दर्शाती इस बणी.ठणी शिल्प को उन्होंने मुकेश की बणी-ठणी नाम दिया है ताकि कला की वेदी पर उनका नाम वज्रकीलित रहे। इस शिल्प की खासबात बणी-ठणी के चेहरे पर झीना पर्दा है, जो बेहद चित्ताकर्षक है। किसी कलाकार के कमाले फन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसकी महीन कारीगरी कितनी पारदर्शी है। बणी-ठणी शिल्प भी कला शिखर को छूने का एक जज्बा है जो इस हुनरमंद आर्टिस्ट मुकेश प्रजापति ने अपने पिता मशहूर पद्मश्री मूर्तिकार मरहूम अर्जुन प्रजापति से हासिल किया है। प्रजापति ने बताया कि वे अपने पिता की बणी-ठणी शिल्प से बेहद मुतास्सिर थे। उन्होंने भी ठान लिया था कि एक दिन वे भी उनके ख्वाबों के शिल्प बणी-ठणी शिल्प को लयात्मकता के साथ उसका रूप.लावण्य निखारेंगे।
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