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जयपुर

गहलोत बने कांग्रेस अध्यक्ष तो पायलट की ताजपोशी तय?

दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 24 सितंबर से नामांकन शुरु होगें और 25 से 28 सितंबर तक दिल्ली दौरे पर गहलोत जा रहे है। राजस्थान की राजनीति में इस खबर के साथ गहमागहमी तेज हो गई है। कई तरह के बातें राजनीतिक गलियारों में होने लगी है। खासतौर पर सचिन पायलट गुट इसे अपनी जीत बता रहा है। अगर गहलोत दिल्ली पहुंचते है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर सचिन पायलट की ताजपोशी तय है

जयपुरSep 20, 2022 / 02:58 pm

Santosh Tiwari

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दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 24 सितंबर से नामांकन शुरु होगें और 25 से 28 सितंबर तक दिल्ली दौरे पर गहलोत जा रहे है। राजस्थान की राजनीति में इस खबर के साथ गहमागहमी तेज हो गई है। कई तरह के बातें राजनीतिक गलियारों में होने लगी है। खासतौर पर सचिन पायलट गुट इसे अपनी जीत बता रहा है। अगर गहलोत दिल्ली पहुंचते है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर सचिन पायलट की ताजपोशी तय है

आमने-सामने होंगे गहलोत और थरूर?

दो दशक बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का कोई अध्यक्ष मिल सकता है। खबरों के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे तो केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर उन्हें चुनौती देंगे। पिछले महीने खबर ये भी आई थी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अशोक गहलोत से पार्टी का अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह भी किया था। इस चुनाव में थरुर का नाम चौंकाता है क्योंकि शशि थरूर कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल रहे हैं। इस गुट ने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव किए जाने और अध्यक्ष का चुनाव कराए जाने की मांग की थी।

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https://twitter.com/srinivasiyc/status/1563850570678829056?ref_src=twsrc%5Etfw
गहलोत जीते तो राजस्थान में बदलेंगे सियासी समीकरण

सियासी उठापठक राजस्थान की राजनीति के लिए नई बात नहीं है लेकिन अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनकर दिल्ली रवाना हुए तो राजस्थान में उनकी सियासी जमीन कमजोर हो सकती है। ऐसा नहीं है कि ये सब अचानक हो रहा है इसकी पटकथा बहुत पहले से लिखी जा रही थी। 2021 में सचिन पायलट गुट के विधायकों को गहलोत कैबिनेट के फेरबदल में जगह मिली, कयास तभी से लगने शुरु हो गए थे कि पायलट को दिल्ली से समर्थन मिल रहा है।
अजय माकन की राजस्थान में सियासी दौड़

राजस्थान में गहलोत और पायलट की बीच की दूरी को पाटने के लिए दिल्ली ने अजय माकन तो बड़ी जिम्मेदारी दी है, फैसले छोटे हो या बड़े, माकन दोनों सियासी दिग्गजों के बीच समन्वय बना कर रखते है। लेकिन गहलोत-पायलट खेमों के बीच सियासी बयानबाजी अब आम बात हो गई है, हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर माकन के साथ केसी वेणुगोपाल भी जयपुर का दौरा कर चुके है
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उदयपुर में हो चुका कांग्रेस का 3 दिवसीय चिंतन शिविर

तीन दिवसीय चिंतन शिविर में गहलोत और पायलट खेमे की कलह साफ नजर आई। दोनों नेता एक-दूसरे से दूर रहे। शिविर शुरू होने से एक दिन पहले उदयपुर से पायलट के होर्डिंग्स और पोस्टर हटा दिए गए। इस बात की शिकायत उनके समर्थकों ने कांग्रेस नेतृत्व तक पहुंचाई।
अगर कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को मानने का मास्टर स्ट्रोक काम करता है और थरुर कांग्रेस अध्यक्ष बनते है फिर गहलोत को 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव की सियासी बागडोर थमाई जाएगी तो सवाल उठता है कि राजस्थान में सचिन पायलट का राजनीतिक भविष्य क्या होगा
https://youtu.be/qfeduQyXVkA
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