अपेक्स बैंक से ले सकेंगे राशि
सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस योजना के कारण ऐसे केन्द्रीय बैंक जो तरलता की विषम परिस्थितियों के कारण क्षेत्र के किसानों की फसली ऋण की मांग लक्ष्य के अनुरूप नहीं कर पा रहे हैं, साथ ही नकद आरक्षित अनुपात एवं वैधानिक तरलता अनुपात का आरबीआई की मांपदण्डानुसार संधारण नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे बैंक अपैक्स बैंक से साख सीमा के रूप में राशि ले सकेंगे।
बैंकों को मिलेगा इतना हिस्सा
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि इस योजना से अपैक्स बैंक की 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की कुल जमाओं के अधिकतम 15 प्रतिशत की राशि केन्द्रीय सहकारी बैंकों को सहायता के रूप में मिल पाएगी। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय सहकारी बैंको की लेखा पुस्तकों में बकाया राशि के पेटे सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के 60 प्रतिशत की राशि साख सीमा के रूप में बैंक विशेष के पक्ष में स्वीकृत हो पाएगी।
बैंकों की स्थिति होगी मजबूत
रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के पवन ने बताया कि योजना के लागू हो जाने से राज्य के केन्द्रीय सहकारी बैंको की स्थिति सुदृढ़ होगी। बैंको को तरलता की विषम परिस्थितियों जैसे नियामक संस्थाओं से निर्धारित मापदण्डों की पालना में असुविधा व समस्या होना, अल्पकालीन ऋण चक्र बाधित होने की स्थिति में केन्द्रीय सहकारी बैंको समय पर ऋण सहायता संभव हो सकेगी।
बैंको को मिलेगी इतनी सहायता
अपैक्स बैंक के प्रबंध निदेशक इन्दर सिंह ने बताया कि इस योजना से केन्द्रीय सहकारी बैंको के पक्ष में नौ महीनों के लिए साख सीमा की राशि दी जाएगी। परिस्थितियों का आंकलन कर इसे आगे भी बढाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से लगभग 500 करोड़ की सहायता ऋण राशि बैंको को उपलब्ध हो पाएगी तथा बैंको को डिफाल्टर होने से बचाया जा सकेगा।