कार्रवाई के दौरान पुलिस कोटपा एक्ट से जुड़ी सामान्य धाराओं में केस दर्ज कर मैनेजर को गिरफ्तार करती है। इसमें जुर्माना भरकर थाने से ही जमानत हो जाती है। जानकारों का कहना है कि कोई भी नाबालिग चाहे सर्व करने वाला हो या सेवन करने वाला, उसके बयानों के आधार पर गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
वैशालीनगर में पुलिस ने पिछले शुक्रवार और शनिवार रात को 4 जगह कार्रवाई की थी। अशोकनगर और सी-स्कीम स्थित 3 बड़े रेस्टोरेंट पर भी कार्रवाई की गई। कुछ दिन पहले बजाजनगर पुलिस ने 3 जगह कार्रवाई की थी।
जानकारों के अनुसार पुलिस अक्सर मैनेजर, वेटर या अन्य कर्मचारी की गिरफ्तारी दिखाती है। जमीन मालिक या रेस्टोरेंट मालिक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती। ऐसे में कुछ दिन बाद हुक्का बार फिर शुरू हो जाते हैं। सालभर पहले जवाहर नगर पुलिस ने पंचवटी सर्कल स्थित एक हुक्का बार पर 3 महीने में 5 बार कार्रवाई की थी। आखिर हुक्का बार के लिए जगह जिसने किराए पर ले रखी थी, उसे भी मामले में आरोपी बनाया तब जाकर के हुक्का बार बंद हो पाया।
हुक्के में तम्बाकू, कैमिकल और फ्लेवर का इस्तमाल होता है जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे कैंसर, अस्थमा, एलर्जी जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। शरीर में धुआं ही तो जाता है, उससे कार्बन एकत्र होता है।
डॉ. पवन सिंघल, कैंसर विशेषज्ञ, एसएमएस अस्पताल