जयपुर भरतपुर के कुम्हेर थाना इलाके में स्थित सिकरौरा गांव में बीते साल नवम्बर के महीने में खून की होली खेली गई। एक ही परिवार के 6 लोगों को गोली मार दी गई। उनमें से तीन भाईयों की जान चली गई और परिवार के बाकि लोग गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराए गए। इस मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को कुछ दिन में पकडा और अब मुख्य आरोपी को पकडने की सूचना है । मुख्य आरोपी तीन महीने से फरार चल रहा था और पुलिस उसे तलाश रही थी।
मुख्य आरोपी लाखन उर्फ चंद्रमोहन को अब अरेस्ट कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि रात के समय जब उसे कुम्हेर थाने लाया जा रहा था तो इस दौरान उसने जीप से कूदने की कोशिश की और इसी कारण जीप बेकाबू होकर पलट गई। जीप पलटने के कारण उसके हाथ और पैरों में गंभीर चोटे आई है। इस कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अस्पताल को छावनी बना दिया गया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि इस पूरे मामले में कुछ पुलिसवाले भी मामूली चोटिल हुए हैं। लेकिन जीप पलटने के दौरान चंद्रमोहन को चोटें आई है। उसे अभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब उससे पूछताछ की जाएगी।
यह था पूरा मामला, 26 नवम्बर को पानी की तरह खून बहा था कुम्हेर में, जो भी दिखा गोलियां दागते रहे दरअसल कुम्हेर के सिकरौरा गांव में रहने वाले लाखन सिंह उर्फ चंद्रमोहन का अपने पड़ोसी गजेन्द्र सिंह और उसके बेटे टोनी से झगड़ा हो गया था। पहले दोनो परिवार पक्के दोस्त थे लेकिन उसके बाद 24 नवम्बर को टोनी और लाखन सिंह के बीच शराब पीने के दौरान विवाद और झगड़ा हो गया। उसके बाद मामला पंचायत पहुंचा तो पंचायत ने दोनो पक्षों को डांट लगा दी और सुलह करा दी। लेकिन लाखन सिंह ने बदला लेने की तैयारी कर ली थी। उसने टोनी और उसके परिवार को दो दिन बाद ही यानि 26 नवम्बर को गोलियां से भून दिया। इस फायरिंग में गजेन्द्र सिंह, समंदर सिंह और ईश्वर सिंह की मौत हो गई। तीनों सगे भाई थे। उनके परिवार के कई लोग गई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। इस मामले में अब मुख्य आरोपी को पकडा गया है।
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