दुर्गाशंकर ने बताया कि वह बीकॉम तक पढ़े है। बारह साल तक प्राइवेट स्कूल में अंग्रेजी के टीचर रहे। लेकिन कोरोना के कारण बेरोजगार हो गए। घर खर्च चलाने के लिए उन्हें फूड कंपनी में डिलीवरी बॉय की नौकरी करनी शुरू कर दी। महीनेभर में ही दस हजार तक कमा लेते है। पिछले चार माह से यह काम कर रहे हैं। डिलीवरी के साथ-साथ ही बच्चों को ऑनलाइन ट्यूशन भी देते थे। बैंक प्रोबेशनरी ऑफिसर बनने का सपना है। इसके लिए तैयारी भी करनी है। लेकिन साइकिल पर दिनभर डिलीवरी देने के कारण थकान से पढ़ाई नहीं हो पाती। आदित्य ने बताया कि क्राउड फंडिंग के लिए दुर्गाशंकर की यूपीआई आईडी शेयर की। ताकि पैसा सीधा दुर्गा के खाते में ट्रांसफर हो सके। लोगों ने मदद करना शुरू किया। लोगों ने दिल खोलकर मदद की और तीन घंटे में डेढ़ लाख खाते में डाल दिए।