इसी के साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल लागू कर स्थिति को नियंत्रित किया जाए। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, टोंक, झुंझुनूं, बांसवाड़ा इत्यादि जिलों के लिए भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि लोगों की जीवन की रक्षा के लिए जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का पूरा सहयोग करें। बैठक के दौरान रामगंज में क्लस्टर सैंपलिंग और क्वारंटाइन सेंटरों में सुविधाओं के निर्देश भी दिए गए। जयपुर में टी रविकांत को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
समीक्षा के दौरान जयपुर शहर में कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट्स में प्रभावी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए कैमरे लगाकर निगरानी करने, लोगों की आवाजाही पर पूरी नजर रखने के निर्देश भी दिए हैं। चारदीवारी में यह प्रयोग सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह की व्यवस्था की जा सकती है। ड्रोन कैमरों का उपयोग कर मॉनिटरिंग को अधिक प्रभावी बनाया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए। कर्फ्यू वाले क्षेत्र से कर्मचारी सहित कोई भी व्यक्ति अंदर या बाहर नहीं जाए।