पिछले कुछ वर्षों के दौरान गोवा, मध्यप्रदेश कुछ अन्य राज्यों में कम विधायक होने के बावजूद कांग्रेस के विधायकों को तोड़ कर भाजपा ने सरकार बना ली। पूर्वानुमानों में बिहार में महागठबंधन को आगे बताया जा रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस अब सतर्क है। बिहार में कांग्रेस ने 70 सीट पर चुनाव लड़ा है और उसे 40 से अधिक सीट पर जीत की उम्मीद है।
मतगणना से पहले ही कांग्रेस ने सभी विधायक प्रत्याशियों को एकजुट करने का काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस आलाकमान ने बिहार में परिणाम आने के बाद की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य पांडे और महासचिव सुरजेवाला को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इन दोनों नेताओं की चुनौती भाजपा की तोडफ़ोड़ वाली रणनीति को विफल करने की है।
कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ बैठक
दिल्ली से गए नेताओं ने सोमवार को पटना में कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों के साथ बैठक की है। पांडे ने बताया कि बिहार में बदलाव तय है और महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। मतगणना से पहले सभी प्रत्याशियों को मतगणना के दौरान प्रबंधन बनाने की जानकारी दी गई। साथ ही मतगणना समाप्त होने के बाद की रणनीति भी प्रत्याशियों को समझाई गई है।
राजस्थान में रोका था खेल
राजस्थान में करीब चार महीने पहले सियासी संकट खड़ा हुआ था। तब पांडे राजस्थान के प्रभारी महासचिव थे। जबकि सुरजेवाला व अजय माकन को आलाकमान ने जयपुर भेजा था। जहां गांधी परिवार ने सचिन पायलट को मनाया था, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे में विधायकों को ऐन वक्त तक एकजुट रखने में इन नेताओं ने अहम भूमिका निभाई थी।