गौरतलब है कि बीसलपुर बांध से जयपुर शहर को सप्लाई हो रही जलापूर्ति के कारण बांध का जलस्तर रोजाना दो सेंटीमीटर घट रहा है। आज बांध का जलस्तर 309.20 आरएल मीटर रिकॉर्ड हुआ है जो बीते छह साल में सबसे कम रहा है। बारिश नहीं होने से बांध में पानी की आवक बीते दस दिनों से थमी हुई है और बीते दस दिन में बांध के जलस्तर में करीब 17 सेंटीमीटर गिरावट हो चुकी है। ऐसे में बांध में यदि आगामी दिनों में पानी की आवक नहीं हुई तो शहर को रोजाना मिल रही पानी की मात्रा में कटौती या दो दिन में एक बार जलापूर्ति होने का अंदेशा मंडराने लगा है। हालांकि अभी इस मामले में विभाग के अफसर चुप्पी साधे बैठे हैं लेकिन सिटी सर्कल इंजीनियरों में कटौती को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है।
यूं समझे बांध के पानी का गणित
सिंचाई विभाग के अनुसार बांध में उपलब्धता के अनुसार 8 टीएमसी पानी कृषि के लिए होता है और 16.7 टीएमसी पानी पेयजल के लिए रिजर्व रखा जाता है। जयपुर को बनास जल सप्लाई में हर महीने एक टीएमसी पानी बांध से लिया जाता है। जयपुर शहर के लिए एक साल में करीब 17 टीएमसी पानी बांध में होना जरूरी है वहीं आज बांध में 8.50 टीएमसी पानी ही शेष बचा है। ऐसे में आगामी छह से आठ महीने तक जयपुर शहर की जलापूर्ति का तो इंतजाम है लेकिन यदि बारिश का दौर कमजोर रहा और बांध में पानी की आवक कम रही तो जयपुर में पानी की राशनिंग तय है।
सिंचाई विभाग के अनुसार बांध में उपलब्धता के अनुसार 8 टीएमसी पानी कृषि के लिए होता है और 16.7 टीएमसी पानी पेयजल के लिए रिजर्व रखा जाता है। जयपुर को बनास जल सप्लाई में हर महीने एक टीएमसी पानी बांध से लिया जाता है। जयपुर शहर के लिए एक साल में करीब 17 टीएमसी पानी बांध में होना जरूरी है वहीं आज बांध में 8.50 टीएमसी पानी ही शेष बचा है। ऐसे में आगामी छह से आठ महीने तक जयपुर शहर की जलापूर्ति का तो इंतजाम है लेकिन यदि बारिश का दौर कमजोर रहा और बांध में पानी की आवक कम रही तो जयपुर में पानी की राशनिंग तय है।
इनका कहना है — शहर में बनास जल आपूर्ति में कटौती की गई है जिसकी वजह पानी की डिमांड कम होना है। ब बारिश का दूसरा दौर शुरू हो रहा है ऐसे में बीसलपुर बांध में पानी की आवक बढ़ने की उम्मीद है। शहर में पानी की राशनिंग को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। दिनेश कुमार सैनी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जयपुर रीजन द्वितीय, जलदाय विभाग
— बांध में अभी 8.50 टीएमसी पानी है जो केवल पेयजल के लिए है। पीएचईडी को किस तरह से पानी का उपयोग आगामी समय में करना है यह निर्णय उन्हे ही करना है। रविंद्र कटारा, अधिशाषी अभियंता , बीसलपुर बांध