भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ( Rajasthan BJP Ex. President ) एवं संगठन चुनाव के जिला प्रभारी अशोक परनामी ( Ashok Parnami ) ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता का दुरुपयोग कर निगम, नगरपालिका, निकाय एवं पंचायतों का परिसीमन करवाया है। जब 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर 2014 में परिसीमन कर दिया गया तो फिर उसी जनसंख्या के आधार पर फिर से परिसीमन की क्या जरूरत पड़ गई? कांग्रेस की मंशा साफ नहीं है। कांग्रेस नगरपालिका चुनावों में जीतने का ख्वाब देख रही है, मगर जनता इस बार तय कर लिया है कि देश ही नहीं राजस्थान को भी कांग्रेस मुक्त करना है।
इसी मसले को लेकर विधायक सतीश पूनिया ( Satish Poonia ) ने कहा कि 2011 की जनसंख्या के आधार पर पूर्व सरकार पुनर्सीमांकन कर चुकी थी। निकायों की सीमा नहीं बढ़ाई। इसके पुनर्सीमांकन किया गया। अधिकांश कार्यकर्ताओं ने शिकायत की है कि वर्ग विशेष के वार्डों से परिसीमन में छेड़छाड़ की गई है। ये जीत के ख्याली पुलाव पका रहे हैं।
इस साल के अंत में प्रदेश के 52 निकायों में चुनाव होने हैं। नवंबर में ये चुनाव होने हैं, इसमें Jaipur सहित प्रदेश की सभी नगर निगमों में भी चुनाव होंगे। इस बार महापौर, सभापति और चेयरमैन का चुनाव सीधे जनता करेगी, ऐसे में भाजपा जीत की रणनीति बनाने में जुटी है। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने वार्डों के परिसीमन को मुद्दा बनाया है। इसे लेकर भाजपा विधायकों ( BJP MLAs ) की बयानबाजी भी सामने आई है। अब देखना होगा कि पार्टी इस मुद्दे के कितना भुना पाती है, ताकि निकाय चुनावों में इसका फायदा लिया जा सके।