20 जिलों की 50 निकायों में जहां सियासी समर छिड़ा हुआ है, तो वहीं चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का भी माहौल बनने लगा है। इधर, विपक्ष में बैठी भाजपा निकायों में तो बढ़त हासिल करने में जुटी ही हुई है, पर उसका खासा फोकस उपचुनाव पर टिका हुआ है। साफ़ है कि भाजपा उपचुनाव की चारों सीटें जीतकर सियासी गणित को बदलने की चाह भी रख रही है।
खोने के लिए एक, पाने के लिए चार सीट
चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही उपचुनाव को लेकर भाजपा की जोर-शोर से दिख रही कसरत से साफ़ है, कि भाजपा मौके को पूरी तरह से भुनाने के मूड में है। दरअसल, उपचुनाव की चार में से तीन सीटें चूरु की सुजानगढ़, भीलवाड़ा की सहाड़ा और उदयपुर की वल्लभनगर सीटें कांग्रेस के पास थीं, तो वहीं राजसमंद की एकमात्र सीट भाजपा के कब्ज़े में थी। ऐसे में भाजपा के पास खोने के लिए महज़ एक सीट, जबकि पाने के लिए चार सीटों का अवसर है।