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जयपुर

शिक्षा बोर्ड का डाटा लीक, विद्यार्थियों को 70 प्रतिशत नंबर दिलाने का झांसा

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की उत्तरपुस्तिकाओं की संवीक्षा (Scrutiny of answerbooks) कराने वाले विद्यार्थियों (students) को अधिक नंबर दिलाने का झांसा देकर पैसा वसूलने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बोर्ड प्रशासन को डाटा लीक (Data leak) होने का संदेह है। इस मामले में पुलिस में शिकायत (Police complaint) दर्ज करा दी है।

जयपुरSep 01, 2020 / 10:41 pm

vinod

शिक्षा बोर्ड का डाटा लीक, विद्यार्थियों को 70 प्रतिशत नंबर दिलाने का झांसा

शिक्षा बोर्ड का डाटा लीक, विद्यार्थियों को 70 प्रतिशत नंबर दिलाने का झांसा

अजमेर/अलवर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Rajasthan Board of Secondary Education) की उत्तरपुस्तिकाओं की संवीक्षा (Scrutiny of answerbooks) कराने वाले विद्यार्थियों (students) को अधिक नंबर दिलाने का झांसा देकर पैसा वसूलने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। झांसेबाजों का सीधे विद्यार्थियों को फोन आने के बाद अब बोर्ड प्रशासन को इस मामले में ई-मित्र के माध्यम से डाटा लीक (Data leak) होने का संदेह भी है। बोर्ड प्रशासन ने इस मामले में पुलिस में शिकायत (Police complaint) दर्ज करा दी है। पुलिस जांच में ही पता चलेगा कि इस मामले में बोर्ड कर्मचारियों की मिलीभगत है अथवा संवीक्षा कराने वालों के फोन नंबर और अन्य जानकारियां ई-मित्र के माध्यम से लीक हुई है।
दरअसल शिक्षा बोर्ड ने संवीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए पूरे राज्य में ई-मित्र क्यिोस्क को ठेका दे रखा है। संवीक्षा का आवेदन और परीक्षा शुल्क ऑनलाइन जमा कराने के लिए विद्यार्थियों को ई-मित्र जाना होता है। आवेदन के साथ विद्यार्थियों को अपनी अंकतालिका, फोन नंबर सहित अन्य जानकारियां भी दर्ज करानी होती है। संवीक्षा में अंक बढ़ाने के लिए सीधे विद्यार्थियों को फोन आने के बाद अब संदेह की सुई ई-मित्रों पर चली गई है।
15 दिन पहले ही कर दिया था आगाह
शिक्षा बोर्ड को लगभग 15 दिन पूर्व ही संवीक्षा के नाम पर पैसे एेंठने की शिकायतें मिली थी। बोर्ड प्रशासन ने उसी दिन सार्वजनिक सूचना जारी कर विद्यार्थियों को इस तरह के झांसेबाजों के चक्कर में नहीं फंसने के लिए आगाह कर दिया था। हालांकि शिकायतें लगातार बढऩे के बाद बोर्ड प्रशासन ने 31 अगस्त को अजमेर के पुलिस लाइंस थाने में लिखित शिकायत दर्ज करा दी है।
अनेक जिलों में फैला जाल
संवीक्षा में अंक बढ़ाने का झांसा देकर अभिभावकों से पैसे वसूलने के मामले अनेक जिलों में सामने आने लगे हैं। अब ताजा मामले अलवर से भी आए हैं। ठगी करने वाले सीधे विद्यार्थियों के नंबर पर कॉल करते हैं। यही नहीं ठग पहले विद्यार्थी को कॉल करके उसके 12वीं कक्षा में आए अंक को विषयवार बताते हैं। इसके बाद कहते हैं कि बोर्ड से बोल रहे हैं। आप चाहें तो संबंधित विषयों में आपके 70 प्रतिशत से अधिक अंक दिला सकते हैं। पूरी जानकारी बताने के कारण विद्यार्थी उनके झांसे में आ जाते हैं। ऐसे कई प्रकरण अलवर के बानसूर मे सामने आ चुके हैं। कई विद्यार्थियों ने 5 हजार रुपए भी ठगी करने वालों के बैंक खातों में जमा कराए हैं। पैसा जमा कराने के बाद वो संबंधित से फोन पर बात नहीं करते हैं। ठगी करने वाले के नंबर अब भी चालू हैं।
पत्रिका संवाददाता ने भी बात की

पत्रिका को जानकारी मिलने पर ठगी करने वाले के मोबाइल नम्बर 7797342784 पर बात की। भाषा से ठगी करने वाला दूसरे प्रदेश से लगता है। लेकिन फोन पर कहता रहा कि वह अजमेर से बोल रहा है और बोर्ड ऑफिस में ड्यूटी है। आप विद्यार्थी का नाम, रोल नंबर व स्कूल का कोड नंबर बता दें और उसके बैंक खाते में 5 हजार रुपए जमा कराएं। इसके बाद ऑनलाइन अंकतालिका से नंबर बढऩे की जानकारी का पता कर लेना। जब ठगी करने वाले से पैसा बाद में लेने को कहा तो मना कर दिया।
बानसूर से कीर्ति ने जमा कराए
बानसूर निवासी एक विद्यार्थी कीर्ति के परिवार के पास फोन आया। परिवार के लोगो ने विश्वास करके राशि जमा करा दी। बाद में उसने फोन उठाना बंद कर दिया। ऐसा कई विद्यार्थियों के साथ हुआ है। कई अलग-अलग स्कूल के विद्यार्थियों के पास फोन भी आए हैं।
डाटा लीक हो रहा
विद्यार्थियों का डाटा लीक होना बेहद गंभीर विषय है। इसकी जांच होनी चाहिए कि विद्यार्थियों का डाटा कहां से लीक हुआ है। ठगी करने वाले सीधे विद्यार्थी के मोबाइल नम्बर पर फोन करते हैं।
-विजय यादव, निजी स्कूल संस्था प्रधान

विद्यार्थी प्रलोभन में नहीं आएं

संवीक्षा के नाम पर पैसे वसूलने की शिकायत मिलते ही विद्यार्थियों और अभिभावकों को आगाह कर दिया था। इस संबंध में पुलिस में मामला भी दर्ज कराया गया है। संवीक्षा के लिए आवेदन ई-मित्र के माध्यम से किया जाता है। पुलिस जांच में ही खुलासा होगा कि इस तरह के डेटा कहां से लीक हुए हैं। विद्यार्थी और अभिभावक किसी प्रलोभन में नहीं आएं।
-अरविंद कुमार सेंगवा, सचिव , माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान

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