इस सभा को भाजपा के सभी बडे नेताओं ने संबोधित किया था। सभी नेताओं को इंतजार था कि वे चुनावी सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे पर अपने चिर परिचित अंदाज में सियासी हमले करेंगे। लेकिन बेनीवाल ने मौजूदा सरकार के कामकाज पर तो सवाल उठाए लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला। इतना ही नहीं जब मीडिया कर्मियों ने इस चुनावी सभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नहीं आने का सवाल पूछा तो बेनीवाल ने सिर्फ इतना ही कहा कि इस पर बात बाद में करेंगे।
बेनीवाल के इस सियासी अंदाज के बाद भाजपा के नेताओं में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। भाजपा नेता कयास लगाने में जुट गए हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लंदन शिफ्रट करने का बयान देने वाले हनुमान बेनीवाल ने एक बार भी अपने भाषण में राजे का नाम तक नहीं लिया। वहीं भाजपा नेताओं में चर्चा है कि हो सकता है उप चुनाव तक बेनीवाल ने चुप्पी साधी हो। बहरहाल देखना होगा कि ये उपचुनाव इन दोनों सीटों पर प्रदेश की सियासत और नेताओं के कितने रंग सामने लाता है।