परीक्षा तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे अभ्यर्थी पुलिस इंटलिजेंस को बार बार दे गए गच्चा
एक बार नहीं बार बार पुलिस के खुफिया तंत्र को प्रदर्शनकारियों ने फेल
जयपुर
आरपीएससी की ओर से जनवरी में प्रस्तावित स्कूल भर्ती परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर रहे अभ्यर्थी बार बार पुलिस की इंटलिजेंस को गच्चा दे गए। पुलिस का खुफिया तंत्र फेल होने के कारण इन प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने पुलिस और प्रशासन के नाक में दम कर दिया। 30 नवम्बर को यह प्रदर्शन राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर शुरू हुआ। जहां पर अभ्यर्थी दिन रात तक यही बैठे रहे। प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस का खुफिया तंत्र यह इनपुट देने में फेल रहा कि यह प्रदर्शन इतना बढ़ा रुप ले लेगा। सिर्फ सैंकडों अभ्यर्थियों से शुरू हुए इस प्रदर्शन में हजारों अभ्यर्थी शामिल हो गए। फिर धीरे धीरे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खुफिया तंत्र को गच्चा दिया और यह प्रदर्शन उग्र होता गया।
इस तरह दिया खुफिया तंत्र को गच्चा
30 नवम्बर को विश्वविद्यालय गेट पर बैठे
तीस नवम्बर को परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने राजस्थान विश्वविद्यालय को अपना धरना स्थल बनाया। यहां धरना स्थल बनने की सूचना होने पर भी गांधीनगर थाना पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन इन्हें यहां से नहीं हटा सकें। जब प्रदर्शन शुरू हुआ तो सैंकडों अभ्यर्थी ही इसमें शामिल थे लेकिन विश्वविद्यालय में मौजूद खुफिया तंत्र यह नहीं बता पाया कि प्रदर्शन मे धीरे धीरे भीड़ बढ़ेगी।
8 दिसम्बर को डिप्टी सीएम के आवास पहुंचे
प्रदर्शनकारी तीस नवम्बर से विश्वविद्यालय गेट पर बैठे रहे। अचानक प्रदर्शनकारी यहां से उठे और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सिविल लाइन्स स्थित सरकारी आवास पर कुच कर गए। लेकिन इसकी भनक भी पुलिस के खुफिया तंत्र को नहीं लगी और डिप्टी सीएम के आवास पर हजार से पन्द्रह सौ प्रदर्शनकारी जा पहुंचे। रैली के रुप में पहुंचे इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस डिप्टी सीएम के आवास पर जाने से नहीं रोक पाए। क्योकि मामले को पुलिस को भनक ही नहीं लगी।
16 दिसम्बर को किरोडी का कुच
16 दिसम्बर को इस प्रदर्शन को राज्यसभा सांसद किरोडी को साथ मिला। इंटलिजेंस को इनपुट था कि प्रदर्शन में एक हजार से पन्द्रह सौ अभ्यर्थी ही शामिल होंगे। साथ ही यह विश्वविद्यालय से बाहर नहीं निकलेंगे। लेकिन विश्वविद्यालय में मौजूद पुलिस के खुफिया तंत्र को यह अभ्यर्थी फिर गच्चा दे गए। तीन से चार हजार की भीड़ में शामिल होकर अभ्यर्थी जेएलएन मार्ग से कुच करते हुए सिविल लाइंस फाटक पर आकर बैठ गए। इसके बाद रात दो बजे पुलिस कमिश्नर की समझाइश पर यह शहीद स्मारक पर गए।
17 दिसम्बर को छात्राओं ने किया पीसीसी पर कुच
शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों में से इस बार महिला अभ्यर्थियों ने पुलिस के खुफिया तंत्र को गच्चा दिया। 17 दिसम्बर को सुबह सैंकडों छात्रांए पुलिस पहरा होने के बावजूद भी शहीद स्मारक से उठकर पीसीसी जा पहुंची। हालांकि छात्रों को तो पुलिस ने पीसीसी कुच करने से रोक लिया लेकिन यह छात्राओं को नहीं रोक पाई।
अब टंकी पर चढ़ गई
इसके बाद प्रदर्शन ने नया मोड लिया। जिसमें छात्राएं शहीद स्मारक से उठकर जगतपुरा आ गई। पुलिस पहरा होने के बावजूद इन छात्राओं ने वहीं से प्लान बनाया और फिर जगतपुरा आकर टंकी पर चढ़ गई। जो शनिवार से ही टंकी पर चढ़ी हुई हैं। छात्राओं ने पुलिस के खुफिया तंत्र को इस तरह से प्रदर्शन करने भी भनक नहीं लगने दी। अगर पुलिस के खुफिया तंत्र को इन सबकी भनक लगती तो छात्राएं ज्वनलशीन पदार्थ को लेकर टंकी पर नहीं चढ़ पाती और उन्हें रोका जा सकता था। इसी तरह विश्वविद्यालय में मौजूद पुलिस का खुफिया तंत्र अलर्ट रहता तो अभ्यर्थी डिप्टी सीएम को भी नहीं घेर पाते और ना ही सिविल लाइंस कुच करते। जिससे यह प्रदर्शन इतना बड़ा रुप नहीं लेता।