chandrayaan 2: पर पीओके नागरिक ये क्या बोला…
chandrayaan 2: पर पीओके का नागरिक ये क्या बोला…
chandrayaan 2: पर पीओके का नागरिक ये क्या बोला…
chandrayaan 2: बात करें पाकिस्तान की, तो एक तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर का रोना रो रहे हैं… वहीं उनके मंत्रियों को भारत का मिशन मून पच नहीं रहा… और ऐसे में पीओके में आजादी की मांग उठ गई है… इस आजादी की मांग ने इमरान सरकार के सिरदर्द को और बढ़ा दिया है… इसी कड़ी में लंदन में बसे पाक-अधिकृत कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ आजकिया ने पाक को लताड़ लगाई है… उन्होंने चंद्रयान 2 की तारीफ की है… उन्होंने कहा है भारत का यह शानदार मिशन है… उन्होंने कहा चंद्रयान -2 भारत का ऐतिहासिक मिशन है। नासा कह रहा है कि वे सराहना करते हैं कि भारत ने यह यात्रा की। वह कह रहे हैं कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। जो लोग कोशिश करते हैं केवल वे ही असफल होते हैं। फवाद चौधरी, शेख राशिद आप लोग क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा, आप लोगों को ***** बना रहे हैं… आप रैलियां कर रहे हैं… क्या यह आपका काम है…? कार्यकर्ता ने कहा फ वाद चौधरी, आप विज्ञान के मंत्री हैं… रिक्शा और साइकिलों से बाहर आइए… मुल्क के मुस्तकबिल के बारे में सोचिए… जिस युग में हर तरफ मेट्रो हैं, आप रिक्शा में हैं… यही आपका स्तर है… आरिफ ने कहा, जनरल गफूर आप कहते हैं कि आप अर्थव्यवस्था को संभाल लेंगे। आप उसे आईसीयू में लेकर आ गए हैं। उसे अब अकेला छोड़ दें। क्वेटा में पिछले हफ्ते दो धमाके हुए। श्रीलंका के खिलाडिय़ों मे यहां (पाकिस्तान) आने से मना कर दिया है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि पाकिस्तान में कानून व्यवस्था बनी रहे जो इस समय बदतर है।Ó उन्होंने आगे कहा, आप दूसरों को उपदेश दे रहे हैं। क्या आप केवल ट्विटर पर युद्ध छेडऩे के लिए अपनी पोस्ट पर हैं? आपने देश को एक मजाक बनाकर रखा दिया है। हम जहां भी जाते हैं हमारा मजाक उड़ाया जाता है। और आप इससे ज्यादा कश्मीर और चंद्रयान-2 को लेकर चिंतित हैं.. चंद्रयान-2 मिशन को लेकर पाकिस्तान के मंत्री द्वारा किए गए मजाक पर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने जवाब दिया… डीआरडीओ चीफ जी सतीश ने कहा कि वे मिशन की गंभीरता को नहीं समझ सकते। सतीश ने कहा कि चंद्रयान मिशन काफी जटिल मिशन है। इस तरीके के मिशन की गंभीरता को वही लोग समझ सकते हैं, जिन्होंने कभी ऐसा मिशन किया हो। उन्होंने कहा, जिन लोगों ने कभी इस तरह का कुछ नहीं किया हो, मुझे नहीं लगता कि वे इस मिशन की सराहना कर सकते हैं, या इसका महत्व समझ सकते हैं।