करीब आधी सदी के बाद अमरीका ने एलान किया था कि वो चांद पर इंसानी मिशन भेजेगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने इससे जुड़े एक आदेश पर हस्ताक्षर भी किए थे। अब सवाल उठता है कि अमरीका या किसी और देश ने करीब आधी सदी तक चांद पर किसी अंतरीक्षयात्री को आखिर क्यों नहीं भेजा?
नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने खगोलयात्री के रूप में चंद्रमा पर पहली बार कदम रखा। नील ने अपोलो 11 अभियान के तहत 20 जुलाई 1969 में पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा। उनके साथ एक अन्य अंतरिक्षयात्री एडविन एल्ड्रिन भी थे।
नील आर्मस्ट्रांग का जन्म 5 अगस्त 1930 को अमेरिका के ओहियो प्रान्त के वापाकोनेता में हुआ था। आर्मस्ट्रांग ने 1971 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा छोड़ दी और छात्रों को अंतरिक्ष इंजीनियरिंग के बारे में पढ़ाने लगे। वह दिल की बीमारी से जूझ रहे थे, उन्होंने ऑपरेशन भी करवाया था। इसके बाद उनकी हालत और बिगड़ती गई और 25 अगस्त 2012 को उन्होंने दम तोड़ दिया। चांद पर सबसे पहले कदम रखने वाले नील में हवाई यात्राओं के प्रति रुचि बचपन से ही थी, जब वे अपने पिता के साथ हवाई उड़ानों को देखने जाते थे। 6 साल की उम्र में ही उन्हें पिता के साथ अपनी पहली हवाई यात्रा का अनुभव हुआ।
एडविन यूजीन एल्ड्रिन, का जन्म 20 जनवरी 1930 को हुआ। वे अमेरिकी यांत्रिक इंजीनियर हैं। संयुक्त राज्य की एयर फ़ोर्स के सेवानिवृत्त पायलट हैं। अपोलो 11 के ल्यूनर मोड्यूल पायलट थे। यह अन्तरिक्ष यात्रा के इतिहास का पहला यान था जिसने मानव के साथ चांद पर कदम रखा। 20 जुलाई 1969 को वे दूसरे इंसान थे जिन्होंने चांद की धरती पर कदम रखा।
एल्ड्रिन भी अपोलो 11 मिशन पर गए थे। वह दूसरे शख्स थे, जिनके कदम चांद पर पड़े थे। 86 साल की उम्र में एल्ड्रिन ने साउथ पोल (दक्षिण ध्रुव) तक पहुंच कर एक रिकॉर्ड भी कायम किया। वह ऐसा करने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गए। साल 2016 में इस टाइटल को हासिल करने के बाद उन्होंने का था, ‘मैने मौत को बेहद करीब से देखा है। एल्ड्रिन अपने बच्चों के साथ कानूनी विवाद के कारण सुर्खियों में थे। 89 वर्षीय एल्ड्रिन फ्लोरिडा में रहते हैं।
चार्ल्स पीट कॉनरोड ( Pete Conrad )
पीट कॉनरोड एक प्रिंसटन स्नातक थे और 1962 में अंतरिक्ष यात्री कोर प्रवेश करने से पहले नौसेना परीक्षण पायलट थे। उन्होंने जेमिनी मिशन पर उड़ान भरी और जेमिनी 11 के कमांडर थे। कॉनराड अपोलो 12 मिशन के भी कमांडर थे जो चाँद पर गया था। पेटे कॉनराड चांद पर कदम रखने वाले तीसरे शख्स थे। साल 1973 में नासा से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने एक बिजनेस के तौर पर काम किया। साल 1999 में कैलिफोर्निया में उनकी मोटरसाइकिल का एक्सिडेंट हो गया, जिसमें उनकी जान चली गई। वह 69 साल के थे।
अपोलो अंतरिक्ष यात्री एलन बीन भी 1969 में अपोलो 12 मिशन के दौरान चांद पर चलने वाले चौथे व्यक्ति बने। बीन ने भी 1973 में स्काईलैब मिशन द्वितीय के दौरान और अपोलो 12 के दौरान उड़ान में 59 दिन बिताए। कुल मिलाकर, बीन 1,671 घंटे और 45 मिनट अंतरिक्ष में रहे है। नासा से साल 1981 में रिटायर्ड होने के बाद वह एक पेंटर बन गए। उन्होंने पेंटिंग्स में अपने स्पेससूट के टुकड़े का इस्तेमाल किया। 86 साल की उम्र में वे 26 मई 2018 में दुनिया छोड़ कर चले गए।
एलन शेपर्ड चांद पर जाने वाले अपोलो 14 मिशन के कमांडर थे। उन्होंने अपनी यात्रा 31 जनवरी, 1971 को शुरू की और चंद्रमा की परिक्रमा करने के बाद 5 फरवरी 1971 को चांद की धरती पर उतरने वाले पांचवें आदमी बने। शेपर्ड 1974 में नासा से रिटायर्ड हुए। इसके बाद उन्होंने बैंकिंग और रियल स्टेट में काम करना शुरू किया। उनकी मृत्यु 1998 में ल्यूकेमिया में हुई। वह 74 साल के थे।
शेपर्ड के साथ अपोलो 14 मिशन पर गए एडगर मिशेल छठे शख्स थे जिन्होंने चांद पर कदम रखा। उन्होंने भी चाँद की धरती पर अपोलो 14 मिशन के दौरान 5 फरवरी 1971 को कदम रखा। एड मिशेल 1952 में नौसेना में शामिल हो गए और एक परीक्षण पायलट बन गए। फिर उन्होंने एमआईटी से एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में पीएचडी की डिग्री अर्जित कि। नासा से 1972 में रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने कैलिफोर्निया में एक गैर-लाभकारी संगठन, नोएटिक साइंसेज संस्थान की मदद की, जो ईएसपी और अन्य मानसिक घटनाओं का शोध करता है। 4 फरवरी 2016 में फ्लोरिडा में 85 वर्षीय मिशेल की मृत्यु हो गई।
डेविड स्कॉट पश्चिम प्वाइंट से स्नातक होने के बाद वायु सेना में शामिल हो गए। 1963 में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में उनका चयन हुआ। उन्होंने जेमिनी 8 मिशन पर नील आर्मस्ट्रांग के साथ उड़ान भरी और अपोलो 9 स्कॉट पर कमांड माड्यूल पायलट थे| डेविड स्कॉट ने अपोलो 15 मिशन के दौरान चांद पर कदम रखा जो 30 जुलाई 1971 को चंद्रमा की सतह पर उतरा था। साल 1977 में नासा से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने लेखक के रूप में काम किया। वह अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में किताबों और डॉक्यूमेंट्रीज के लिए कंसलटेंट बन गए। स्टॉक कैलिफोर्निया के लॉस एंजिलिस में रहते हैं।
वायु सेना परीक्षण पायलट जेम्स इरविन 1966 में एक अंतरिक्ष यात्री बन गए| वे 1971 में अपोलो 15 मिशन के दौरान चांद पर गए। जेम्स इरविन, चंद्रमा पर चलने के लिए आठवें शख्स बने। वे चंद्र मॉड्यूल पायलट थे। उनका काम चांद की सतह से चट्टानों के नमूने एकत्र करने का था। वह 1972 में नासा से रिटायर्ड हुए और ईसाई धार्मिक आउटरीच संगठन हाई फ्लाइट फाउंडेशन की स्थापना की। इरविन की मौत हार्ट अटैक से 1991 में हुई, वे 61 साल के थे। इस वजह से वह चांद पर जाने वालों यात्रियों में से सबसे पहले मरने वाले शख्स बन गए।
जॉन यंग अब तक नासा के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवारत अंतरिक्ष यात्री हैं। उनको 1962 में एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित किया गया था और अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान गस ग्रिसम साथ जेमिनी 3 पर 1965 में भरी थी। उन्होंने अपोलो 10 मिशन पर चंद्रमा की परिक्रमा की और अपोलो 16 मिशन के कमांडर थे 23 अप्रेल 1972 को चांद पर पहुंचे और चांद पर चलने वाले 9वें व्यक्ति बन गए। 2004 में रिटायर्ड होने से पहले उन्होंने नासा के लिए करीब 40 साल तक काम किया। इसकी वजह उनका स्पेस शटल कोलंबिया मिशन पर काम करना था। जॉन की मृत्यु 87 साल की उम्र में 8 जनवरी 2018 को हुई।
चार्ल्स ड्यूक उसी अपोलो 16 मिशन का हिस्सा थे, जिसमें जॉन यंग थे। उन्होंने भी अपोलो 16 मिशन दोरान कमांड माड्यूल पायलट के रूप में चांद की यात्रा की| चार्ल्स चंद्रमा पर जाने वाले दसवें व्यक्ति हैं। वह साल 1975 में नासा से सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद उन्होंने जेल मंत्रालय में काम करना शुरू किया। अब चार्ल्स 82 साल के हैं और टेक्सास में रहते हैं। वे एस्ट्रोनॉट स्कॉलरशिप फाउंडेशन बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
जैक स्च्मित पहले एक भूविज्ञानी थे। एक अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए ही वे पायलट के रूप में प्रशिक्षित हुए। स्च्मित को अपोलो 17 मिशन पर चंद्रमा के लिए उड़ान भरने का काम सौंपा गया था। अपोलो 17 मिशन 11 दिसम्बर 1972 को चांद पर उतरा था। वो 12 दिन बाद लौटा था| उन्होंने नासा से 1975 में रिटायर्ड होने के बाद यू.एस. सीनेट में एक साल के लिए रिपब्लिकन के रूप में न्यू मैक्सिको का प्रतिनिधित्व किया। हैरिसन ने विश्वविद्यालय स्तर पर पढ़ाने का काम भी किया है। वह 84 साल के हैं और न्यू मैक्सिको में रहते हैं।
जीन सरनन एक नौसेना पायलट थे, उन्हे 5 हजार से अधिक घंटे उडान भरने का अनुभव था। उनकी पहली अंतरिक्ष उड़ान 1966 में जेमिनी 9 थी| वो अपोलो 17 मिशन के कमांडर थे| अपोलो 17 मिशन 11 दिसम्बर 1972 को चांद पर उतरा था। जीने सरनन चांद पर उतरने वाले आखिरी इन्सान हैं। इसके बाद अपोलो प्रोग्राम को नासा ने बंद कर दिया। वह साल 1976 में नासा से रिटायर्ड हुए और एक प्राइवेट इंडस्ट्री में काम करने लगे। इसके अलावा वह ‘गुड मॉर्निंग अमेरिका’ के लिए भी कमेंटेटर को तौर पर काम कर देते थे। सेरनन की मौत टेक्सास में 16 जनवरी 2017 को हुई। वह 82 साल के थे।