इधर चौधरी अजीत सिंह के निधन के समाचार मिलने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। अन्य सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी उनके निधन पर दुःख जताया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया सहित कई नेताओं ने शोक सन्देश जारी करते हुए दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की है। वहीं रालोद पार्टी से एकमात्र विधायक डॉ सुभाष गर्ग ने भी सिंह के निधन पर शोक जताया है।
गहलोत सरकार बनाने में रहा योगदान
चौधरी अजीत सिंह ने मौजूदा गहलोत सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सिंह की पहल पर ही बीते विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय लोकदल ने कांग्रेस को सहयोग देने का फैसला लिया था। इसके बाद टिकट वितरण के दौरान कांग्रेस ने राज्य की दो सीटें रालोद के लिए सुरक्षित रख दी थी। इससे पहले भी आरएलडी का राजस्थान में कांग्रेस के साथ गठबंधन रहा है।
.. तब कहा था- ‘राजस्थान चुनाव सामान्य नहीं’
दो में से एक भरतपुर विधानसभा सीट से रालोद प्रत्याशी रहे डॉ सुभाष गर्ग चुनाव जीतने में कामयाब रहे। चुनाव परिणाम आने के बाद बतौर राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने पार्टी के विधायक को कांग्रेस का सहयोग देने के निर्देश दिए। रालोद प्रमुख ने तब अपने बयान में कहा था कि यह चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं था। चुनाव में भारतीय संविधान और उसका उदारवादी और पंथ निरपेक्ष स्वरूप दांव पर था। राजस्थान की जनता ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल करके इसे बचाने में योगदान दिया है। इन चुनावों का संदेश पूरे देश में जाएगा और बीजेपी की किसान विरोधी नीतियों और समाज को बांटने की मंशा पर रोक लगेगी।
डॉ गर्ग को मंत्री बनाने में भी रहा ‘हस्तक्षेप’
रालोद के टिकट पर भरतपुर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद डॉ सुभाष गर्ग को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने को लेकर भी चौधरी अजीत सिंह ने ही अहम् भूमिका निभाई। बताया गया कि डॉ गर्ग को मंत्री बनाने जाने के लिए अजीत सिंह ने अशोक गहलोत से वार्ता भी की थी। ये अजीत सिंह की ‘लॉबिंग’ का ही असर माना जाता है कि डॉ सुभाष गर्ग को रालोद के कोटे से मंत्री बनाया गया। वैसे चौधरी अजीत सिंह और डॉ सुभाष गर्ग दोनों ही नेता अशोक गालोत के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं।