क्यों आता है गुस्सा
गुस्सा दिमाग के दो हिस्सों एमिग्डाला और हाइपोथैलेमस से प्रभावित होता है। एमिग्डाला गुस्से का संकेत देता है और हाइपोथैलेमस इस गुस्से पर प्रतिक्रिया देता है। इस दौरान स्त्रावित होने वाले हार्मोन कोर्टिसोल और एड्रिनैलिन मूड पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
एंजाइटी और डिप्रेशन भी वजह!
ऑटिज्म और एडीएचडी पीडि़त बच्चों में मूड परिवर्तन की समस्या ज्यादा देखी जा सकती है। एंजाइटी और डिप्रेशन भी बच्चे को गुस्सैल बनाता है। यदि बच्चे की खानपान की आदतें एवं सोने के समय में परिवर्तन, रुचि के काम न करना, एक्टिविटी में बार-बार बदलाव आए तो यह डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है।
समस्या को समझना जरूरी
सही पेरेंटिंग से बच्चे के व्यवहार में बदलाव लाया जा सकता है। अपने मूड के अनुसार बच्चे के साथ व्यवहार न करें। बच्चे की उन्हीं बातों को मानें, जो सही हों। बच्चा बात न माने और गुस्सा करे तो कभी-कभी उसे नजरअंदाज करें। इससे आप व्यवहार में परिवर्तन देखेंगे।
फास्ट फूड्स का प्रयोग कम
कई बार मूड परिवर्तन के पीछे आयरन, विटामिन बी१२, विटामिन डी आदि की कमी भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे का खानपान पौष्टिक हो। फास्ट फूड्स मूड पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, इनका प्रयोग कम से कम करें।