—————————— …तो आप ही बता दो ना एक बात तो है। यह राजनीति भी बड़ी निराली है। और इससे ज्यादा निराले हैं इन नेताओं के बोल। पंजे वाली पार्टी की एक महिला नेत्री ने कल जनसभा में बोली,”देश के मुखियाजी” की पार्टी बिखरी हुई है। इन्हें तो कोई सीएम फेस ही नहीं मिल रहा है। खुद ही मैदान में उतरे हुए हैं। एक वोटर हमसे बोला…ये दूसरों की चिंता क्यों कर रही हैं। ये अपनी ही पार्टी की गिरबां में क्यों नहीं झांकती हैं। आप ही बता दो कि आपकी पार्टी में सीएम का चेहरा कौन होगा। आपकी पार्टी में तो एक ही फोटो “पांच साल में पांच बार” रिपीट करनी पड़ रही है। चिंता दूसरों की नहीं अपनी करो बहना।
————————- …लो जी मजा आ गया बगावत का भी क्या वाकई फायदा मिलता है। यह सुनने में भले ही अजीब लगे। लेकिन राजनीति में तो मिलता ही है। फायदा भी वे ही देते हैं तो छह साल के लिए “घर का रास्ता” दिखाते हैं। इसकी शुरुआत पंजे वालों ने तो शुरू कर दी है। कल कई बागियों को संगठन में अच्छे पदों से नवाजा गया था। अभी तो चुनाव चल रहे हैं। चुनाव परिणाम के बाद देखना। अपनी पार्टी की सरकार बन गई तो जो बागी बैठ गए, उन्हें पद दिए जाएंगे जो बागी जीत जाएंगे उन्हें भी लालबत्ती मिल जाएगी। यानी पद लेना है तो आप भी बागी बन जाओ। यह बात हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि पाटियों की रीति-नीति कह रही है। यदि विश्वास नहीं हो तो पिछले चुनावों के बाद का हाल देख लीजिए।
-शहरवासी