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जयपुर

सीएम गहलोत बोले- वैक्सीनेशन के लिए पुख्ता तैयारी रखें, सैंपलिंग बढ़ाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभावित वैक्सीन की प्राथमिकता के निर्धारण, इसके सुरक्षित परिवहन एवं सुरक्षित वैक्सीनेशन आदि बिन्दुओं पर अभी से पुख्ता तैयारी रखने के निर्देश दिए।

जयपुरNov 26, 2020 / 07:32 pm

Kamlesh Sharma

CM Ashok Gehlot covid 19 review meeting latest News

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभावित वैक्सीन की प्राथमिकता के निर्धारण, इसके सुरक्षित परिवहन एवं सुरक्षित वैक्सिनेशन आदि बिन्दुओं पर अभी से पुख्ता तैयारी रखने के निर्देश दिए।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभावित वैक्सीन की प्राथमिकता के निर्धारण, इसके सुरक्षित परिवहन एवं सुरक्षित वैक्सीनेशन आदि बिन्दुओं पर अभी से पुख्ता तैयारी रखने के निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हमें शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सैंपलिंग तथा डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क पहनना तथा भीड़ से दूरी बनाए रखना ही इस महामारी से बचाव का मूलमंत्र है। गहलोत ने कोरोना के विरुद्ध जागरूकता अभियान को 30 नवम्बर से बढ़ाकर 31 दिसम्बर तक करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कोरोना प्रबंधन की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ को नीचे लाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि माइक्रो प्लानिंग कर हमें संक्रमण को हर हाल में नीचे लाना है।
ऑनलाइन लें शादी की सूचना

गहलोत ने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि विवाह एवं अन्य समारोहों में कहीं भी लोगों की संख्या के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन ना हो। उन्होंने कहा कि विवाह के आयोजन की सूचना देने के लिए लोगों को परेशानी ना होना पड़े और इसके लिए कहीं भी भीड़ ना उमड़े। उन्होंने कहा कि शादी के आयोजन के लिए किसी अनुमति की आवष्यकता नहीं है, सिर्फ पूर्व सूचना देना जरूरी किया गया है। इसके लिए ई-मेल या कोई अन्य ऑनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर का करें अध्ययन

गहलोत ने कहा कि कोविड पॉजिटिव रोगियों को अकेले में रहने तथा बीमारी के दुष्प्रभावों के कारण मानसिक परेशानियों से भी जूझना पड़ रहा है। साथ ही वर्क फ्रॉम होम, इस बीमारी के कारण लंबे समय से लोगों के घर पर ही रहने, बाहर न निकलने से बच्चों एवं बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। कोविड रोगियों एवं अन्य लोगों के लम्बे समय से घर पर ही रहने से संभव है कि कुछ मानसिक समस्याएं अनुभव की जा रही हों। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस संबंध में संवेदनशील रहकर दिशा-निर्देश तैयार कर ऐसे लोगों की समुचित काउंसलिंग सुनिश्चित करें।
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