गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकार कम करने के लिए बनाया गया जीएनसीटीडी एक्ट लोकतंत्र की हत्या है। यह एक चुनी हुई सरकार की शक्ति खत्म करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में फैसला देते हुए चुनी हुई सरकार को ही दिल्ली का असली मुखिया बताया था।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है। चुनावों में हेराफेरी, निर्वाचित विधायकों की खरीद-फरोख्त और दोनों में कामयाब ना होने पर संसद में बहुमत के दम पर ऐसे तानाशाही समर्थक बिल पास कर चुनी हुई सरकार की शक्तियों को खत्म करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन का तरीका है।
सीएम गहलोत ने कहा कि इस प्रकार तो आने वाले समय में मोदी सरकार किसी भी राज्य में चुनाव हारने पर ऐसे कानून लाकर राज्य सरकार की शक्तियों को समाप्त कर सकती है। मोदी सरकार के इस तानाशाही निर्णय का पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विपक्ष में होने के दौरान भाजपा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर अधिक अधिकारों की मांग करती थी लेकिन सत्ता में आकर ऐसे कानून लाई है। प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद की वकालत करते हैं लेकिन ऐसे कानून बनाकर राज्य सरकारों पर केन्द्र के फैसले थोपना चाहते हैं।