सरकार से जुड़े की सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नाराजगी का खामियाजा गाइडलाइन की पालना कराने का जिम्मा संभाल रहे अधिकारियों पर उठाना पड़ सकता है। सूत्रों की माने तो कईअधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
दरअसल राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में जन अनुशासन पखवाड़े के पहले दिन ही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती हुई नजर आईं थीं। कई जगह सड़कों पर वाहनों का आवागमन जारी था तो कई जगह जाम की स्थिति भी देखने को मिली, जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने इस पर खुलकर नाराजगी जताई है।
कलेक्टर्स-एसपी से रिपोर्ट तलब
सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना गाइडलाइन और जन अनुशासन पखवाड़े के तहत जारी की गई गाइडलाइन की सख्ती से पालना नहीं कराने वाले जिला कलेक्टर्स और जिला पुलिस अधीक्षक को से रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा गृह विभाग के अधिकारियों को भी मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए गाइडलाइन की कड़ाई से पालना कराने और कोताही नहीं बरतने की नसीहत दी है।
एक सप्ताह तक मॉनिटरिंग फिर बड़ा फैसला
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को एक सप्ताह की मोहलत देते हुए कड़ाई से पालना के निर्देश दिए हैं कहा जा रहा है कि अगर तब भी स्थिति कंट्रोल नहीं होती तो मुख्यमंत्री कई और भी बड़े फैसले दे सकते हैं। एक सप्ताह तक प्रतिदिन मुख्यमंत्री स्वयं इसकी मॉनिटरिंग प्रतिदिन करेंगे।
मंत्री विधायकों को भी भीड़-भाड़ से बचने के निर्देश
सरकार के मंत्रियों और विधायकों को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि वह भीड़भाड़ से दूर रहें। साथ ही विकास कार्यों के लोकापर्ण-शिलान्यास समारोह में भी भीड़ इकट्ठी करने से बचें। इसके अलावा मंत्रियों-विधायकों को निर्देश भी दिया गया है कि वे कोरोना गाइड लाइन की पालना कराने के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम भी करें। गौरतलब है कि सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन 3 मई तक लागू रहेगी। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे लेकिन पहले दिन ही गाइडलाइन की पालना कराने में प्रशासन पूरी तरह से असफल साबित हुआ।