चैनल का दावा है कि सचिन जल्द ही अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। सचिन ने साफ तौर पर कहा कि वे इस लड़ाई को लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उनके विधायक उनके साथ हैं और कोई भी विधायकों को कहीं जाने से नहीं रोक सकता। हालांकि इस दौरान भी सचिन ने अपनी आगे की रणनीति का खुलासा नहीं किया।
गहलोत सरकार का दावा है कि उनके पास सरकार बचाने के लिए पूर्व बहुमत है। वहीं पायलट गुट का कहना है कि फ्लोर टेस्ट में गहलोत सरकार गिर जाएगी। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया था कि गहलोत सरकार स्थिर है। उसके पास पूर्ण बहुमत है और वह पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का भी यही दावा है कि गहलोत सरकार को कुछ नहीं होगा।
ये हैं सचिन पायलट की मांगें!
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बगावत के बाद से अभी तक सीधे तौर पर मीडिया से मुखातिब नहीं हुए हैं और ना ही उन्होंने सीधे तौर पर ही अपना कोई आधिकारिक बयान जारी किया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार पायलट की गहलोत सरकार से नाराजगी के कई कारण माने जा रहे हैं। वहीं वापसी के लिए कई मसलों पर सहमति पर अड़े रहने की भी बात सामने आई है।
नाराजगी की वजह
– पायलट की अनुशंसा पर नहीं होते तबादले – नहीं मिलती तवज्जो, सरकारी विज्ञापनों पर नहीं होती तस्वीर – टेप किया जा रहा है फोन – पचास प्रतिशत मंत्री उनके कहने से बनने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आलाकमान के सामने ये मांगें!- गृह और वित्त विभाग खुद के पास रखना चाहते हैं पायलट – अपने करीबी चार विधायकों को मंत्री बनाने की मांग – प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी रखना चाहते हैं पायलट।