शिवसेना पर कांग्रेस में दो फाड़
शिवसेना पर कांग्रेस में दो फाड़
नई दिल्ïली ञ्च पत्रिका. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के साथ जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं में मतभेद सामने आए। वरिष्ठ नेता शिवसेना के साथ जाने का विरोध कर रहे हैं, जबकि विधायकों की मर्जी सरकार बनाने की है। ऐसे में दो बार सीडब्ल्यूसी की बैठक कर पांच घंटे तक मंथन किया लेकिन कांग्रेस अंतिम नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। कांग्रेस सियासी नफे-नुकसान को लेकर सहयोगी दल एनसीपी से फिर बात करेगी। भाजपा के सरकार बनाने से मना करने के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर मुंबई, जयपुर और दिल्ली में सोमवार को सियासी सरगर्मी रही।
दिल्ली में दस जनपथ एक बार फिर सियासत का केंद्र बना रहा, जहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में सीडब्ल्यूसी की दो बार बैठक हुई। दोनों बैठकें करीब पांच घंटे तक चली। पहली बैठक में कांग्रेस नेताओं के विरोधाभास साफ उभर कर आ गए। वरिष्ठ व दक्षिण भारत के नेता शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर सहमत नहीं दिखे। इनका कहना था कि शिवसेना और कांग्रेस की विचारधारा विपरीत है। ऐसे में साथ जाने से जनता में गलत संदेश जा सकता है। यही वजह रही कि सोनिया ने महाराष्ट्र के नेताओं को जयपुर से दिल्ली से बुलाया और सीडब्ल्यूसी ने उनके साथ करीब ढाई घंटे बैठक की। सोनिया ने महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों से बात की। करीब 37 विधायक सरकार बनाने के पक्ष में रहे। इसके बावजूद समर्थन को लेकर एक राय नहीं बन सकी।
सोनिया ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी समर्थन को लेकर दो बार बात की। कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बयान जारी कर कहा कि महाराष्ट्र को लेकर एनसीपी से फिर बातचीत की जाएगी, जिसके बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा।
सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माणिक राव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना की विचारधारा के चलते कांग्रेस में दो राय बनी हुई है। कुछ नेता जहां कांग्रेस की परम्परागत राजनीति की वकालत कर रहे हैं, वहीं दूसरा पक्ष शिवसेना के साथ जाने को तैयार है।
पर्दे के पीछे जारी खेल
सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों के सियासी इतिहास को देखते हुए कांग्रेस अब ऐसी स्थिति में नहीं है कि वह अपने विधायकों की बात नहीं माने। कांग्रेस को सबसे बड़ा डर उसके विधायकों के टूटने का बना हुआ है लेकिन शिवसेना से गठबंधन की घोषणा से पहले कांग्रेस कुछ मांगें मनवाने की कोशिश कर रही है। इसके चलते पहले शिवसेना का एनडीए से नाता तुड़वाया गया और अब सरकार में कुछ पदों को लेकर चर्चा जारी होने की बात सामने आ रही है।
भाजपा महाराष्ट्र में चलाएगी शिवसेना के खिलाफ विश्वासघात अभियान
नई दिल्ली. शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस की जुगलबंदी को देखकर भाजपा को झटका लगा है। दिल्ली में भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि यह गठबंधन शायद ही लंबा चले। हालांकि पार्टी के नेता इसका नफा-नुकसान का आकलन करने में भी जुट गए हैं।
पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि यह सरकार जितने दिन चलेगी, उतना भाजपा को नुकसान पहुंचने की संभावना है। हालांकि पार्टी हाईकमान ने राज्य के नेताओं को संदेश दिया है कि अब जब गठबंधन टूट गया है तो शिवसेना पर हमला करने में कोई संकोच नहीं करें और राज्य में शिवसेना के खिलाफ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए अभियान छेड़े।
सोमवार को भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने देवेंद्र फडणवीस से बातचीत की और उन्हें शिवसेना के खिलाफ हमला बोलने के लिए फ्री हैंड दिया है।