एडवोेकेट रामप्रताप सैनी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने 13 जुलाई 2016 को द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। याचिकाकर्ता भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण हुई। इसके बाद एसटी वर्ग की मेरिट के आधार पर गृहजिले में नियुक्ति देने की गुहार की। विभाग के गृह जिलेे में नियुक्ति नहीं देने पर सुमन शर्मा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। जिस पर न्यायालय ने 2 अप्रैल 2019 को आदेश दिया। जिसमें कहा कि मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी जानी चाहिए और उच्च मेरिट में होेने पर गृह जिला दिया जाना चाहिए। इसके बाद भी नियुक्ति नहीं देने पर सुमन अवमानना याचिका दायर कर कहा कि अदालत के आदेश की पालना नहीं हो रही है और उसको मेरिट के अनुसार गृह जिला नहीं दिया जा रहा है। इस पर न्यायालय ने नोटिस जारी एक माह में जवाब मांगा है।