वर्तमान में सीएमएचओ (जयपुर प्रथम) की सैम्पलिंग टीम में ड्यूटी दे रहे हैं। संविदा चिकित्सक के तौर पर कार्यरत सतीश के जज्बे को सलाम करते हुए लोग उन्हें कोरोना कर्मवीर के नाम से जानते हैं। लगातार कोरोना से जंग लड़ रहे डॉ. सतीश ने बताया कि देश सेवा का मौका मिला है और इसको गंवाना नहीं चाहता। सेवा का जज्बा ऐसा कि तीन माह से बिना छुट्टी लिए ड्यूटी पर हैं।
लोगों कोे नजरिया बदलने की जरूरत
किसी क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मिलता है तो डॉ. सतीश आस-पास के इलाके की सैम्पलिंग करवाते हैं। इस दौरान लोगों का नजरिया कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए नकारात्मक होता है। वे उसके बारे में इस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं, मानो उसने समाजविरोधी कृत्य कर दिया हो। यहां तक की परिवार के अपने सदस्य भी ऐसा बर्ताव करते हैं।
शादी में ढूंढ निकाले कोरोना मरीज
हाल में 2 जुलाई को डॉ. सतीश की तत्परता से एक शादी में आए सात कोरोना पॉजिटिव समय पर ढूंढ निकाले गए। उन्होंने बताया, शादी में एक महिला गुजरात के सूरत से आई थीं। तबीयत खराब होने पर टेस्ट करवाया तो पॉजिटिव निकली। पूछताछ की तो महिला ने नहीं बताया कि वह शादी में आई है।
बहाने बनाकर झूठ बोलती रहीं कि बहन से मिलने जयपुर आई है। उनको अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद रात 11 बजे बहन से मिलने घर गए तो पड़ोस से पूछताछ में शादी की जानकारी सामने आई। रातोरात डॉ.सतीश जयपुर के वैशाली नगर में आयोजित विवाह समारोह में पहुंचे और शादी में शामिल 30 लोगों में से 20 नजदीकी परिजनों की जांचें कीं। अगले दिन 7 लोग पॉजिटिव मिले।
कोरोना विस्फोट होने से बच गया
डॉ. सतीश ने बताया कि प्रवासियों के लगातार पॉजिटिव आने से सब चिंतित रहे। समय रहते यहां आने वाले प्रवासियों को होटल में क्वॉरंटीन करवाया और उन्हें होटलों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी। इसका नतीजा यह निकला कि शहर में कोरोना विस्फोट होने से बच गया। लोगों को समझाया जा रहा है लेेकिन स्वयं को सतर्कता बरतनी होगी।
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