आखिरकार चार घंटे बाद उन्हें एक निजी एम्बुलेंस से निजी अस्पताल में भिजवाया गया। मामला वैशाली नगर के गांधीपथ पश्चिम स्थित मां हिंगलाज नगर कॉलोनी का है। यहां तीन दिन पहले एक बुजुर्ग महिला और उसका 35 वर्षीय बेटा कोरोना संक्रमित हो गए थे। शुक्रवार को बुजुर्ग महिला कॉलोनी में अपने श्वान को घूमाने गई। जिस पर भय के चलते लोगों ने उसे विरोध कर टोका। अगले दिन जब मां और बेटे की हरकतें बढ़ी तो परेशान होकर बहू ने पुलिस बुला ली।
इस बीच स्थानीय लोगोंं ने दोनों को प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटर में भेजने को कहा तो पुलिसकर्मी उन्हें भेजने की बजाय समझाइश कर चले गए। रविवार तड़के संक्रमित युवक तीन बजे घर से नग्न अवस्था में बाहर निकल गया और सड़क पर अजीब हरकतें करने लगा। मां ने देखा तो वह उसे घर ले गई और दरवाजा बंद कर दिया। सुबह सवा पांच बजे वह उसी हालत में दरवाजा कूदकर सड़क पर आ गया और गली में घूमता रहा।
कुछ देर बाद वह समीप चंद्र विहार कॉलोनी में चला गया और वहां भी सड़क पर अजीब हरकतें करने लगा। इतने में उस युवक के पड़ौसी वहां पहुंच गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इतने में संक्रमित मां भी वहां पहुंच गई। सवा छह बजे पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन वह भी मूकदर्शक बनकर उससे करीबन तीस फीट दूर खड़ी रही। वहीं से भयभीत लोग कलक्ट्रेट और चिकित्सा विभाग, कोरोना हैल्प लाइन पर एंबुलेंस और चिकित्सकों की टीम के लिए फोन घनघनाते रहे, लेकिन कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला।
पत्रिका टीम ने दी सीएमएचओ को सूचना:
करीब पौने नौ बजे पत्रिका टीम ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इसकी सूचना दी तो, वह हरकत में आए और उन्होंने एक एंबुलेंस भेजी। करीब बीस मिनट बाद एंबुलेंस उसे बगराना स्थित क्वॉरंटीन सेंटर में ले जाने के लिए तैयार हुई तो युवक के रिश्तेदारों ने उसे पहले अस्पताल ले जाने के लिए कहा। इस बीच एक निजी एंबुलेंस भी पहुंच गई। उसे सीकर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तीन दिन से परेशान, रातभर देते रहे पहरा:
मां हिंगलाज नगर निवासी जयसिंह शेखावत, राजू यादव ने बताया तीन दिन से परेशान हो रहे हैं। गली में बीमार और बुजुर्ग रहते हैं, लेकिन यह लोग लगातार मनमानी कर रहे थे। वहीं स्थानीय डॉ. चंद्रशेखर, राजेंद्र यादव ने कहा कि रात भर पहरा देते रहे। पुलिस को भी सूचित कर चुके, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
स्वभाव का ध्यान रखे, हल्के में नहीं लें परिजन:
मनोविशेषज्ञ डॉ. अनिल तांबी के अनुसार कोरोना संक्रमण शरीर में अन्य अंगों की तरह अब दिमाग को भी प्रभावित कर रहा है। शहर में लगातार ऐसे केस सामने आ रहे हैं। ऐसा अमूमन उन लोगों में देखा जा रहा है, जो जल्दी घबरा जाते है, डरे-डरे रहते हैं। कोरोना संक्रमण के बाद वह खुद को असंतुलित, असहज, अकेला महसूस करते है, फिर उनमें शुरुआत में बेचैनी, नींद में बोलना, अचानक घबराहट समेत कई लक्षण देखे जा रहे हैं। समय रहते उन पर ध्यान देने की जरूरत है।