प्रदेश मे जयपुर जिले के अलावा भी अन्य जिलों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जयपुर के अलावा अलवर, भरतपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, दौसा, चित्तौडगढ, सीकर, चूरू जिलों में हर रोज संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं। अधिकतर जिलों में निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। जिलों के शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से सामने आ रही है।
ग्राम स्तर पर प्रभावी लाॅकडाउन के लिए बीट कांस्टेबल और प्रभारी पुलिस अधिकारी पंच और सरपंचों की मदद से टीम गठित करेंगे ताकि लाॅकडाउन का पालन कराया जा सके। गांव के प्रवेश द्वार पर बेरिकेडिंग और अवरोधक लगाए जा सकते हैं। पंच, सरपंचों और अन्य जन प्रतिनिधियों की टीम की सूची एसएसचओ के पास रहेगी ताकि जरुरी पालना कराई जा सके। थानाधिकारियों के जरिए गांवों की जांच और कोविड रिपोर्ट कोविड कंट्रोल रुप को रोज भेजी जाएगी। गांवों में प्रतिदिन की कोरोना उल्लघंन रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी और वह शाम होते ही पुलिस अधीक्षकों को भेजी जाएगी। अधिकतर गांवों मे लाॅकडाउन और कोरोना के बारे में समझाईश की जाएगी ताकि लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी मिल सके और सख्ती से पालना कराई जा सकें। प्रदेश के सभी जिलों के लिए पुलिस अधीक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों मंे लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए कहा गया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण बढ़ने का बड़ा कारण दिहाड़ी मजदूरों और अन्य मजदूरों का वापस अपने क्षेत्रों में लौटना भी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अधिकतर काम धंधे बंद हो जाने के कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मजदूर अपने परिवारों समेत गांवों में लौट गए हैं। फिर चाहे अन्य राज्यों और अन्य जिलों के मजदूर हों। इस कारण भी संक्रमण की चेन नहीं टूट पा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में 23 मई तक सख्त लाॅकडाउन लगाया गया है।